SEBA Class 8 Hindi Notes Chapter 2 in Bodo कास्मीरनि आपेल, Class 8 Hindi Question Answer in Bodo to each Chapter is provided in the list of SCERT, NCERT, SEBA हिंदी |आलोक Class 8 Question Answer दिए गए हैं ताकि आप आसानी से विभिन्न अध्यायों के माध्यम से खोज कर सकें और जरूरतों का चयन कर सकें. Class 8th Hindi Chapter 2 Question Answer Class 8 Bodo Medium Hindi Chapter 2 Questions Answer. SEBA Bodo Medium Class 8 Hindi Chapter 2 कास्मीरनि आपेल Notes covers all the exercise questions in NCERT, SCERT.
New SEBA Class 8 Hindi Notes Chapter 2 कास्मीरनि आपेल
बोडो मीडियम कक्षा 8 हिंदी खोन्दो 2 काश्मीरी सेब Question Answer | कास्मीरनि आपेल | इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की कक्षा 8 बोडो मीडियम आलोक खोन्दो 2 कास्मीरनि आपेल Question Answer. अगर आप एक सात्र या शिक्षाक हो बोडो मीडियम की, तो आपके लिए ये बोडो मीडियम कक्षा 8 हिंदी खोन्दो 2 Question Answer बोहत लाभदायक हो सकता है। कक्षा 8 हिंदी खोन्दो 2 मे आप अपना ध्यान लगाके पढ़ कर इस Class 8 hindi chapter 2 bodo medium में अछि Mark ला सकते हो अपनी आनेवाली परीक्षा में।
खोन्दो 2 काश्मीरी सेब
Chapter 2 कास्मीरनि आपेल
अभ्यास माला (उनसोलों)
पाठ से (फरानिफ्राय)
1.’काश्मीरी सेब’ कहानी को पढ़कर अपने शब्दों में सुनाओ। (‘काश्मीर की सेब’ निफ्राय आपेलनि सल ‘खौ फरायना गावनि सोदोबजों खोनासं हो।)
2. किसने कहा, किससे कहा? (सोर बुंखो, सोरखौ बुंखो?)
(क) बाबूजी, बड़े मजेदार सेब आए हैं। (बाबुजी, जोबोद सादगोनां आपेल फैदों।)
उत्तर : दुकानदार ने, कहानीकार से कहा। (गलादारा सल ‘गिरिखौ बुंदोंमोन।)
(ख) सेब चुन-चुनकर रखना। (आपेलखौ सायख’ सायख’ हो।)
उत्तर : कहानीकार ने, दुकानदार से कहा। (सल ‘गिरिया ग’लादारखौ बुंदोंमोन।)
3. एक वाक्य में उत्तर लिखो : (मोनसे बाथ्रायाव फिननाय लिर:)
(क) दुकान पर किस रंग के सेब सजे हुए थे? (ग’लायाव मा गाबनि आपेल साजायना दोननाय जादोंमोन?)
उत्तर : दुकान पर गुलाबी रंग के सेब सजे हुए थे। (ग’लायाव ग ‘लाप गाबनि आपेल साजायना दोननाय जादोंमोन।)
(ख) बनारस किस आम के लिए प्रसिद्ध है? (बेनारसआ माबादि थाइजौनि थाखाय मुंदांखा?)
उत्तर : बनारस लंगड़े आम के लिए प्रसिद्ध है। (बेनारसआ लेडेरा थाइजौनि थाखाय मुंदांखा।)
(ग) लेखक ने दुकानदार से कितने सेब माँगे? (लिरगिरिया ग’लादारनिफ्राय बेसेबां आपेल नागिरदोंमोन?)
उत्तर : लेखक ने दुकानदार से चार सेब माँगे। (लिरगिरिया ग’लादारनिफ्राय थाइब्रै आपेल नागिरदोंमोन।)
(घ) लेखक ने दुकानदार को कितने पैसे दिए? (लिरगिरिया ग’लादारनो बेसेबां फैसा होदोंमोन?)
उत्तर : लेखक ने दुकानदार को चार पैसे दिए। (लिरगिरिया ग’लादारनो ब्रै फैसा होदोंमोन।)
(ङ) फल खाने का उपयुक्त समय क्या है? (फिथाइ जानायनि थि समा मा?)
उत्तर : फल खाने का उपयुक्त समय प्रातःकाल है। (फिथाइ जानायनि थि समा जाबाय फुं।)
4. संक्षेप में उत्तर लिखो: (गुसुङे फिननाय लिर:)
(क) हमारे बदले हुए खाद्याभ्यास के बारे में लेखक का क्या विचार है? (जोंनि सोलायस्लु खाजानि सोमोन्दै लिरगिरिया मा मा सानदों-हदों?)
उत्तर : हमारे बदले हुए खाद्याभ्यास के बारे में लेखक ने कहा है कि आज-कल हमारे शिक्षित समाज में विटामिन और प्रोटिन के विचार करने की प्रवृत्ति हो गई है। टमाटर, गाजर जैसे चीज पहले लोग मुप्त मिलने पर भी नही खाते थे। केवल गरीब लोग ही खाते थे। लेकिन आज टमाटर और गाजर को भी खाने, मेजों पर स्थान मिलने लगा है।
(ख) सेब खाने के क्या-क्या लाभ है? (आपेल जानायनि मुलाम्फाया मा मा?)
उत्तर : सेब खाने के बारेमें यह कहा गया है कि हर रोज एक सेब खाने से हमको डॉक्टरों की जरुरत न रहेगी।
(ग) लेखक ने प्रातःकाल खाने के लिए जब सेब निकाले तो वे किस हालत में मिले? (लिरगिरिया फुङाव जानायनि थाखाय जेब्ला आपेल दिहुनो अब्ला मा अबस्थायाव (हालसालाव) मोनखो?)
उत्तर : लेखक ने प्रातः काल खाने के लिए जब सेब निकाले तो वे देखा कि सेब सड़ा हुआ था। एक रुपए के आकार का छिलका गल गया था। दूसरा लिया तो वह भी सड़ा हुआ था। तीसरा सेब निकाला। यह सड़ा तो न था, मगर एक तरफ दबकर बिलकुल पिचक गया था। चौथा देखा। वह यो तो बेदाग था, मगर उसमें एक काला सूराख था। काटा तो भीतर वैसे ही धब्बे, जैसे किड़हे बेर में होते है। एक सेब भी खाने लायक नहीं था।
(घ) दुकानदार को लेखक से बेईमानी करने का अवसर कैसे मिला? (ग ‘लादारा लिरगिरिखौ थगायनायनि खाबुखौ माबोरै मोनखो?)
उत्तर : लेखक ने सेब को बाँध देने के लिए अपना रुमाल दुकानदार को दिया। इस मौके को लेकर दुकानदार लेखक से बेईमानी किया।
(ङ) खोमचेवाले की ईमानदारी के बारे में लेखक ने क्या कहा है? (खामचा फानग्रानि सैथोथिनि सोमोन्दै लिरगिरिया मा बुंदों?)
उत्तर : खोमचेवाले की ईमानदारी के बारेमें लेखक ने यह कहा कि व्यापारी सामान तौलते चाहे छटाँक–आध-छटाँक कस लें, लेकिन पाँच की जगह भूल दस के नोट दे देते तो वह झूठ बोलकर कभी नहीं हरपते।
(च) इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है? (बे सल ‘निफ्राय मा सोलोंथाइ मोनखो?)
उत्तर : इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी सामान खरीदते समय यदि हम सावधानी नहीं बरतेंगे तो लेखक की तरह हमें भी काश्मीरी सेब ही मिलेंगे।
5. “चार पैसों का इतना गम न हुआ, जितना समाज के इस चारित्रिक पतन का ।” – लेखक ने किस परिस्थिति में ऐसा कहा है? (“ब्रै फैसानि थाखाय एसेबां दुखु जायाखै, जा जादों समाजनि बे आख ‘लारि गोग्लैसोनायनि थाखायसो।” -लिरगिरिया मा हाल-सालाव बेबादियै बुंदों?)
उत्तर : एक रोज लेखक एक सेब की दुकान से चार आने में चार सेब खरीदकर लाया। प्रातःकाल जब सेब को खाना चाहा तो चारो सेब गला हुआ मिला। दुकानदार की धोखेबाजी को समझ लिया। समाज के इस चारित्रिक पतन पर लेखक को बहुत दुःख हुआ।
6. सत्य कथन के सामने [✓] और असत्य कथन के सामने [x] का निशान लगाओ:
सैथो बाथ्रानि सिगाहाव [✓] आरो सैथोनङै बाथ्रानि सिगाडावं [x] सिन हो।
(क) गाजर में अधिक विटामिन पाया जाता है। [✓]
(गाजराव गोबा भिटामिन मोननाय जायो।)
(ख) अल्फाँसो सेब की एक किस्म है। [x]
(अलफाच ‘आ आपेलनि मोनसे जाथो।)
(ग) फल खाने का सही समय रात है। [x]
(फिथाइ जानायनि थार समा हर।)
(घ) चौथे सेब में एक काला सूराख था। [✓]
(ब्रैथि आपेलाव मोनसे गोसोम गुदुं दंमोन ।)
(ङ) दुकानदार ने लेखक को बढ़िया सेब दिए थे। [x]
(ग ‘लादारा लिरगिरिनो मोजां आपेल होदोंमोन।)
(च) आदमी बेईमानी तभी करता है, जब उसे अवसर मिलता है। [✓]
(मानसिया थगायनायखौ अब्लासो खालामो, जेब्ला बियो खाबु मोनो।)
(छ) लेखक ने दुकानदार को सेब की कीमत के रूप में चार आने पैसे दिए थे। [✓]
(लिरगिरिया ग’लादारनो आपेलनि बेसेन हिसाबै ब्रै आना होदोंमोन।)
(ज) एक सेब भी खाने लायक नहीं था। [✓]
(थाइसेबो आपोला जानायनि थाखाय थिग नङामोन।)
(झ) सभी दुकानदार बेईमानी करते हैं। [x]
(गासैबो ग ‘लादारा थ ‘गायो।)
(ञ) खोमचे वाले ने लेखक की अठन्नी नही लौटायी। [x]
(खामचानि बेफारिया लिरगिरिनो दाइन आनानि खाउरिखौ हरफिनाखिसै।)
पाठ के आस-पास (फरानि सेर सेर)
1.बाजार में बिकनेवाले सामानों के दाम हमेशा घढ़ते-बढ़ते रहते हैं। तुम इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हो? इसे रोकने के लिए तुम क्या करोगे, आपस में चर्चा करो।
(हाथाइयाव फाननाय मुवानि बेसेना जेब्लाबो बारायलाय-खमायलाय जाबाय थायो। नों बे सोलायनायफोरखौ मा रोखोमै नायो? बेखौ होखारनायनि थाखाय नों मा खालामनो, गावजों गाव सावराय।)
2. हमारे खान-पान, रहन-सहन और परिधानों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बात-चीत करो और उसके आधार पर एक लेख तैयार करो।
(जोंनि जानाय-लोंनाय, थानाय-थिनाय आरो गाननाय-जोमनायाव सोलायनाय जाबोगासिनो दं। बे सोलायनायनि फारसे जानानै हें थायै सावराय आरो बेनि सायाव मोनसे रनसाय थियारि खालाम।)
3. दुकानदार ग्राहकों को किस प्रकार ठगता है? लगभग पाँच-छ: वाक्यों में लिखो।
(ग’लादारा बायग्राफोरखौ माबायदि थ’गायो? अजायै मोनबा मोनद ‘सो बाथ्रानि गेजेराव लिर।)
उत्तर : दुकानदार ने ग्राहकों को ताजा सामान दिखा कर लिफाफे में सड़ा सामान भर देता है। दो-एक दुकानदार तौलने में सामान मार देता है। आज-कल चावल, चना, दाल आदि कंकर मिलाकर बेचता है। घी में डालडा घोलता है। दवाखाना में अछली दवा का दाम लेकर नकली दवा बेचता है। आजकल कोई कुपकृति वाले दुकानदार सामान गोदाम बंध रखकर योगान सीमित घोषणा कर बाकी सामान अधिक दाम में बेचता है।
4. कोई वस्तु खरीदते समय हम ठगे न जाएँ – इसके लिए हमे क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
(माबा मोनसे मुवा फाननाय समाव जों जाहाथे थगाय जाया-बेनि थाखाय जों मा मा सांग्रांथि लानांगोन?)
उत्तर : कोई बास्तु खरीदते समय हम ठगे न जाएँ-इसके लिए ये सावधानियाँ बरतनी चाहिए :
(i) सामान खरीदते समय सामान को अच्छी तरह देख-परख कर खरीदे।
(ii) दुकानदार के तराजू पर नजर डाले।
(iii) अगर दवा खरीदना हो तो दवा की निर्माण तिथि को अच्छी तरह देखे।
(iv) आजकल बाजार में नकल कंम्पनियों के सामान से भर गये हैं। उस सामान को अपनी नजर में रखकर सामान खरीदे।
भाषा-अध्ययन (राव-फरायसंनाय)
1. दिए गए उदाहरण को देखकर शब्दों से वाक्य बनाओ:
(फरायाव होनाय बिदिन्थिखौ नायनानै गाहाइनि सोदोबफोरजों बाथ्रा बानाय:)
सुबह – करीम रात को घर लौटता है।
अमीर – दुखीराम एक गरीब किसान है।
पश्चिम – सूरज पूर्व दिशा में उगता है।
हानि – मेहनत करने से लाभ होता है।
आशा – कभी कभी मन में निराशा आ जाती है।
2. आओ, एकबार फिर याद करें: (फै, खेबसे फिन गोसोखांनि)
तुमलोग जानते हों कि संज्ञा के तीन भेद माने जाते हैं–
(क) व्यक्तिवाचक
(ख) जातिवाचक
(ग) भाववाचक
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा (सुबुं दिन्थिग्रा मुंमा): जिस शब्दों द्वारा किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, प्राणी का बोध होता है, उन्हे व्यक्तिवाचक संज्ञा, कहते हैं।
जैसे- जवाहरलाल नहरू भारत के प्रथम प्रधान मंत्री थे। दिल्ली भारत की राजधानी है।
(ख) जातिवाचक संज्ञा (फोलेर दिन्थिग्रा मुंमा): जिस शब्दों से किसी प्राणी, वंस्तु को पूरी जाति का बोध होता है, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- गाय उपकारी जानवर है।
पुस्तक से हमे ज्ञान प्राप्त होता हैं।
(ग) भाववाचक संज्ञा (साननाय दिन्थिग्रा मुंमा): जिस शब्दों से किसी गुण, दशा कार्य का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- फुलवारी की सुन्दरता मन मोह लेती है।
अब निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़ो और उसमें से संज्ञाएँ छाँटकर दी गई तालिका में लिखो:
(दानिया गाहाइयाव लिरनाय सयथाय बाहागोखौ गोसोहोना फराय आरो बेनि उनाव मुंमाफोरखौ सायख ‘ना गाहाइयाव होनाय फारिलाइयाव लिर।)
रामू का गाँव गंगा नदी के किनारे था। एक दिन रामू शहर से अपने गाँव लौट रहा था। रास्ते में उसे जोर की भूख और प्यास लगी। कुछ दूरी पर उसे एक बड़ा-सा पेड़ दिखाई दिया। पेड़ के नीचे लोगों की भीड़ लगी थी। एक आदमी पके-पके आम बेच रहा था। आम की मिठास से रामू की भूख तेज हो गई। उसके पास कुछ सिक्के थे। उसने दो बड़े ओम खरीदकर खाए। उसने पास ही में रखे पीतल के घड़े से पानी लेकर पीया और चल पड़ा।
उत्तर :
व्यक्तिवाचक संज्ञा | जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
रामू, शहर, गाँव, गंगा | नदी, आम, पीतल | भूख, प्यास, बड़ा-सा, मिठास, दिखाई। |
3. इन वाक्यों को ध्यान से पढ़ो:
(बे बाथ्राफोरखौ गोसोहोना फराय:)
काला कुत्ता दौड़ रहा है। मेरे विद्यालय में पंद्रह कमरे हैं। यह ऊँचा पेड़ है। गिलास में थोड़ा दूध है। वह लड़का खेल रहा है।
ऊपर के वाक्यों में रेखाकिंत शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहे हैं।
जैसे- ‘काला’ कुत्ते की विशेषता बता रहा है। उसी तरह ‘ऊँचा’ पेड़ की. विशेषता बता रहा है। ‘थोड़ा’ दूध की मात्रा या परिमाण बता रहा है। उसी प्रकार ‘वह’ शब्द लड़के की विशेषता बता रहा है। इन्हें विशेषण कहते हैं।
विशेषण के चारे भेद होते हैं – गुणवाचक संख्यावाचक, परिमाणवाचक और सर्वनामवाचक या सार्वनामिक विशेषण।
अब निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़ो और उसमें से विशेषण शब्द छाँटकर फिर से लिखो। प्रत्येक विशेषण शब्द के भेद भी उनके साथ लिखो)
(दानिया गाहाइनि आयदा फारिखौ फराय आरो बेनिफ्राय मुंमा सोदोबखौ सायख ‘ना फिन लिर। मोनफ्रोम मुंमानि सोदोब रोखोमखौबो बेनि लोगोआव लिर।)
रोहन एक अच्छा लड़का है। वह मधुर स्वर से गीत गाता है। उसके पास गीतों के बारह संकलन है। सरिता भी अच्छी लड़की है। वह बढ़िया नाचती है। उसका नृत्य देखकर लोग मोहित हो जाते हैं। दोनों को बहुत पुरस्कार भी मिले हैं।
गुणवाचक विशेषण | संज्ञावाचक विशेषण | परिमाणवाचक विशेषण | सर्वनामवाचक विशेषण |
अच्छा | बारह | बहुत | |
मधुर अच्छी बढ़िया |
4. ‘चुन-चुनकर सेब रखना’ इस वाक्य में एक ही क्रिया पद ‘चुनना’ दो बार आया है। अब तुम उदाहरण को देखकर निम्नलिखित क्रियाओं से वाक्य बनाओ :
(‘चुन-चुनकर सेब रखना’ बे बाथ्रायाव मोनसेल’ थाइजा ‘चनना’ खौ खेबनै बाहायनाय जादों। दानिया नों बिदिन्थिफोरखौ नायनानै गाहाइयाव होनाय थाइजाफोरजों बाथ्रा दा)
उत्तर : खा-खाकर : राम खा-खाकर मोटा हो गया है।
रो-रोकर : दुखीराम ने रो-रोकर कहा- हाय, मैंने अच्छी हंसिनी को मार डाला।
दौड़-दौड़कर : नेपोलियन को देखकर गाँव से लोग दौड़-दौड़कर आया।
बोल-बोलकर : उसे बोल बोलकर मैं थक गया।
मार-मारकर : यदु ने बैल को मार-मारकर अधमरा किया।
रह-रहकर : यहाँ रह-रहकर मुझे तंग आ गया।
5. पास के वृत्त में दिए गए विशेषण शब्दों से खाली स्थानों को भरो:
उत्तर: पांडव पाँच भाई थे। एक दिन बहुत गर्मी थी।
वन में पांडवों को बड़े जोर की प्यास लगी। आस-पास जल का अभाव था। घने वृक्षों के कारण दूर तक देखना मुश्किल था। तब नकुल ने एक ऊँचे पेड़ पर चढ़कर देखा कि थोड़ी दूर पर जल से भरा एक बड़ा तालाब है। उसे दूरसे उड़कर आता एक छोटा पक्षी दिखाई दिया।
योग्यता-विस्तार (उदायथि-गोसारनाय)
1. आम की तरह सेब और केले की भी कई किस्मे होती हैं। शिक्षक की सहायता से उनकी जानकारी प्राप्त करो।
(जोंनि बायदि आपेल आरो थाइजौआबो गोबां थाखो दं? फोरोंगिरिनि गेजेरजों मिथिना ला।)
Chapter No. | CONTENTS |
खोन्दो – 1 | भारता जोंनि जिवनिख्रुइ आंगो |
खोन्दो – 2 | कास्मीरनि आपेल |
खोन्दो – 3 | मेडम मेरी क्युरी |
खोन्दो – 4 | हारव’ रनि सेराव खुवा दं |
खोन्दो – 5 | बिनो दा बुं |
खोन्दो – 6 | भारतआरी देंखोनि मोनसे |
खोन्दो – 7 | गिबि थोबथिं / थरथिं |
खोन्दो – 8 | भारत नायदिनाय |
खोन्दो – 9 | जेरै खामानि एरै फिथाइ |
खोन्दो – 10 | गोकुल लीला |
खोन्दो – 11 | भारतनि रावारि खौसेथि |
खोन्दो – 12 | बानाननि मोगामोगि |
खोन्दो – 13 | आंनि गोदान उन्दै सम |
खोन्दो – 14 | आं गोख्रों बुरलुंबुथुर |