SEBA Class 8 Hindi Notes Chapter 4 in Bodo हारव’ रनि सेराव खुवा दं

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New SEBA Class 8 Hindi Notes Chapter 4 हारव’ रनि सेराव खुवा दं

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खोन्दो 4 जलाशय के किनारे कुहरी थी

Chapter 4 हारव’ रनि सेराव खुवा दं 

अभ्यास माला (उनसोलों)

पाठ से (फरानिफ्राय)

1. कविता को ध्यान से पढ़ो और उसमें चित्रित जलाशय के सौन्दर्य का वर्णन करो। (खन्थायखौ गोसोहोना फराय आरो बेयाव होनाय हाख ‘रनि समायनाथिखौ फोरमाय।) 

उत्तर : प्रस्तुत कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ने एक जलाशय का वर्णन किया है। जलाशय का तट कोहरा हरे-नीले पत्ते, आम की डाल से गहरा अंधकार हो रहा था। किनारा सुनसान था। केवल जुगनू के दल यहाँ-वहाँ चमक रहा था। बन से परिमल (सुगंध) लेकर समीर बहा रहा था। नारियल का पेड़ हिला रहा। ये सब ताड़ खड़ा होकर देख रहा था। पपीहा छिपा कर पुकार रहा था, सियार आरामे घूमता रहता था। फिर उजाला हुआ और तारा छिपा, सरोवर में लहरे उठी, इस से तारा चमकता था।

(गोजौनि खन्थायाव खन्थायगिरि सुर्यकांत त्रिपाठी “निराला” गेदेमाया मोनसे हाख ‘रनि बिजिरनाय होदों। हाख ‘रनि फारा खुवा, गोथां-निला बिलाइ, थाइजौनि दालाइजों गोसोम खोमसि जाना दंमोन। फारा निजोम-हास्रि मोन। खालि सांग्रेमा एम्फौ हान्जायाल ‘सो बेथिं-बैथिं जोंदोंमोन। हाग्राबारिनिफ्राय मोदोमफ्रुनाय लाबोनानै बार बारबाय थादोंमोन। नाइलेंखर बिफाङा देमग्लायना दंमोन। बेफोर गासैखौबो ताल बिफाङा गसंना नायबाय थादोंमोन। पपीहा दाउआ एरसोनानै गाबबाय दंमोन। सियाला उदां गोसोजों बेरायथिंदोंमोन। फिन सोरां जाफिनबाय आरो हाथरखिफोरा एरसोबाय, बिलोआव दैथुन जाखांदोंमोन। गोजानाव हाथरखिफोरा सोरांहोगासिनो दंमोन।)

2. ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’ कविता का भावार्थ अपने शब्दों मे लिखो। (“हाख ‘रनि सेराव (फाराव) खुवा दंमोन” खन्थायनि ओंथिखौं गावनि सोदोबजों लिर।)

उत्तर : भावार्थ: ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’ कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी यह कहता है कि इस धरती पर अनेक वैसे उपकरण हैं, जिससे हमारे कोई लाभ नहीं हो रहें हैं। ये कोहरें की तरह चारों ओर अंधकार बना रखा है। कुछ वैसे उपकरण हैं, जो जुगनू; तारे की भाँति प्रकाश दे रहे हैं। 

3. संक्षेप में उत्तर दो (गुसुङै फिन हो)

(क) जलाशय के किनारे घना अंधकार क्यों छाया हुआ था? (हाख ‘रनि फाराव रोजा खोमसि मानो जादोंमोन?)

उत्तर : जलाशय के किनारे कुहरी, हरे-नीले पत्ते और आम की डाली घेरे हुए थे। इसलिए जलाशय के किनारे घना अंधकार छाया हुआ था।

(ख) सुबह प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं? (फुङाव मिथिंगायाव मा मा सोलायनाय जायो?) 

उत्तर : सुबह प्रकृति में उजाला होते है। तारे छिप जाते हैं और सरोवर में लहरें उठती हैं।

(ग) कविता में वर्णित पशु-पक्षियों के नाम और उनके कार्यकलापों का उल्लेख करो। (खन्थायाव फोरमायनाय जुनार-दाउमा दाउसानि मुं आरो बिसोरनि खामानिफोरखौ मुंख’।)

उत्तर : कविता में वर्णित पशु-पक्षियों के नाम और कार्यकलाप: 

पपीहा: पपीहा छिप कर पुकार रहा था।

सियार: सियार आराम से बिचरण कर रहा था। 

(घ) कविता में कुछ वृक्षों का नाम उल्लेख है। उनके नाम और उपयोगिता बताओ। (खन्थायाव खायसे बिफां-लाइफांनि मुं रायखांनाय दं। बिसोरनि मुं आरो बानजायनायखौ बुं।)

उत्तर : कविता में उल्लेखित वृक्षों के नाम और उपयोगिता:

आम: लोग आम के फल खाता है।

नारियल : लोग नारियल का फल खाता है और उससे तेल भी बनता है।

ताड़: ताड़ का फल लोग खाता है और ताड़ के पत्ते से लोग पहले चप्पर भी बनाते थे।

4. नीचे दिए गए उत्तरों में से एक सही उत्तर चुनो: (गाहायाव होनाय फिननायनिफ्राय मोनसे थार फिननाय सायख’।)

(क) आम का डाल कहाँ आई हुई थी? (थाइजौनि दालाइया बबेसिम फैदोंमोन?)

(i) जलाशय के किनारे 

(ii) पानी पर

(iii) नारियल के पेड़ पर

(iv) ताड़ के पेड़ पर

उत्तर : पानी पर।

(ख) किसके दल यहाँ-वहाँ चमक रहे थे? (सोरनि हान्जाया बेथिंनिफ्राय-बैथिं बेरायथिंदोंमोन?)

(i) जुगनूँ के

(ii) पपीहा के

(iii) स्यार के

(iv) कोयल के

उत्तर : जुगनूँ के।

(ग) लहरें कहाँ उठ रही थीं? (दैथुना बबेयाव जाखांदोंमोन?)

(i) नदी में

(ii) जलाशय में

(iii) आकाश में

(iv) सागर में

उत्तर : जलाशय में।

5. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो: (आबुं बाथ्राजों फिननाय हो।) 

(क) कुहासा कहाँ छाया हुआ था? (खुवाया बबेयाव साग्लोबना दंमोन?) 

उत्तर : कुहासा जलाशय के किनारे छाया हुआ था। 

(ख) हवा में किसकी सुगंध मिली हुई थी? (बाराव सोरनि मोदोमफ्रुनाया बोहैफाबोदोंमोन?)

उत्तर : हवा में वन का सुगंध मिली हुई थी।

(ग) पेड़ो की ओट में छिपकर कौन गा रहा था? (दंफांनि आनदोआव सोर एरसोनानै मेथाय खनदोंमोन?) 

उत्तर : पेड़ो की ओर पपीहा छिपकर गा रहा था। 

(घ) तारे कब छिप गए? (हाथरखिया माब्ला गोमोरलाङो?)

उत्तर : जब चारों ओर उजाला हो जाते हैं, तब तारे छिप गए हैं। 

(ङ) तारा कहाँ चमकने लगा? (हाथरखिया बबेयाव सोरांहोनो हमदोंमोन?) 

उत्तर : तारा अंतर में चमकने लगा।

पाठ के आस-पास (फरानि सेर-सेर)

1. ऋतु-परिवर्तन से मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता है- इस कथन पर पाँच पंक्तियाँ लिखो। (बोथोरनि सोलायनाय लोगो लोगोनो सुबुं समाजाव गोथौ गोहोम गोग्लैयो- बे बाथ्रानि सायाव मोनबा बाथ्रा लिर।)

उत्तर: ऋतु परिवर्तन से मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता हैं- 

(i) ग्रीष्म ऋतु आते ही लोगों को गर्मी में परेशान करते है। गर्मी के कारण काम से टंग आ जाते हैं और काम छोड़ जहाँ-तहाँ बैठ जाते हैं। वैसे ही शीत कला में भी गरीब लोग गरम कपड़े की अभाव में परेशानी उठानी पड़ती है। शीत काल अवश्य सब के लिए आनन्ददायक। क्योंकि इस काल मे न गरमी- न ठंडी। आराम से गुजर जाते हैं। ऋतुराज वसंत आते ही सब के मन में आनंद का वातावरण आ जाते है। पेड़ पौधे भी नये पत्ते और फूलों से लद जाते है।

2. किस ऋतु में कुहासा छाया रहता है? कुहासे से मानव और प्रकृति की होनेवाले नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त करो। (माबे बोथोराव खुवाया साग्लोंबना थायो? खुवानिफ्राय मानसि आरो मिथिंगानि जानोहाथाव खहानि सोमोन्दै मिथिना ला।)

उत्तर : शिशिर ऋतु में कुहासा छाया रहता है। कुहासे मानव और प्रकृति दोनों को काफी नुकसान करते हैं। लोग कुहासा के कारण घर से वाहर नहीं आ सके। काश्मीर के कही कही कुहासे के कारण बर्फ गिरते है। कभी कभी धूप दिनभर दिखाई नही देते। पेड़-पौधे के पत्ते झड़ जाते हैं।

3. जीव-जंतुओ पर ऋतु परिवर्तन का कैसा प्रभाव पड़ता है, इस विषय पर पाँच पंक्तियाँ लिखो। (जिब-जुनारनि सायाव बोथोर सोलायनायनि माबादि गोहोम गोग्लैयो, बे आयदानि सायाव मोनबा बाथ्रा लिर।)

उत्तर : हर जीवों पर ऋतु परिवर्तन का गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रीष्म ऋतु में लोग गरमी के कारण काफी परेशान होते हैं। किन्तु साँप जैसा प्राणी को यह ऋतु आरामदायक है। साँप इस समय इधर-उधर घूमा करते हैं। लेकिन शिशिर काल आते ही बिल में घूस जाते हैं। जहाँ शिशिर में कुछ पेड़ से पत्ते झड़ जाते वहाँ वसन्त आते ही नये पत्ते, फूल-फलो से लद जाते है।

Chapter No.CONTENTS
खोन्दो – 1भारता जोंनि जिवनिख्रुइ आंगो
खोन्दो – 2कास्मीरनि आपेल
खोन्दो – 3मेडम मेरी क्युरी
खोन्दो – 4हारव’ रनि सेराव खुवा दं
खोन्दो – 5बिनो दा बुं
खोन्दो – 6भारतआरी देंखोनि मोनसे
खोन्दो – 7गिबि थोबथिं / थरथिं
खोन्दो – 8भारत नायदिनाय
खोन्दो – 9जेरै खामानि एरै फिथाइ
खोन्दो – 10गोकुल लीला
खोन्दो – 11भारतनि रावारि खौसेथि
खोन्दो – 12बानाननि मोगामोगि
खोन्दो – 13आंनि गोदान उन्दै सम
खोन्दो – 14आं गोख्रों बुरलुंबुथुर
Notes of Class 8 Hindi in Bodo Medium | Bodomedium Class 8 Hindi notes इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की Bodo Medium 8th class hindi Question answer | Class 8 hindi seba in Bodo अगर आप एक bodo सात्र या शिक्षाक हो तो आपके लिए लावदयक हो सकता है।
Note- यदि आपको इस Chapter मे कुछ भी गलतीया मिले तो हामे बताये या खुद सुधार कर पढे धन्यवाद

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