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New SEBA Class 8 Hindi Notes Chapter 8 भारत नायदिनाय
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खोन्दो 8 भारत दर्शन (डायरी के पन्नों से)
Chapter 8 भारत नायदिनाय
अभ्यास माला (उनसोलों)
पाठ से (फरानिफ्राय)
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो: (गाहाइयाव लिरनाय सोंथिफोरनि फिननाय हो।)
(क्) ‘भारत दर्शन’ पाठ तुम्हें कैसा लगा? अपने विचार संक्षेप में लिखो। (‘भारत नायदिंनाय’ फराखौ नों माबोरै मोनखो? गावनि साननायखौ गुसुङेलिर।)
उत्तरः ‘भारत दर्शन’ पाठ मुझे बहुत अच्छा लगा है।
प्रस्तुत पाठ ‘भारत दर्शन’ एक शिक्षामुलक भ्रमण पर आधारित है। इसमें हम भारत भर के एतिहासिक स्थलों का वर्जन पढ़ने को मिलता है। जब सफर का वर्जन गुवाहाटी से शुरु होकर कोलकाता पहुंचा और कोलकाता के अजायब घर, बिड़ला, तारामंडल, हावड़ा पुल, विक्टोरिया मेमोरियल हल, बिद्या सागर सेतु आदि एतिहासिक जगहो के नाम पढ़ने को मिला तो मेरा मन भी ललचा गया कि में भी एक बार करीब से देख लु।
इसके बाद ऊड़िसा के जगन्नाथ प्रभू का धाम पुरी मंन्दिर, कोणार्क का सूर्य मंन्दिर, उदगिरि और खड़गर का विश्व प्रसिद्ध जैन गुफाएं, माया नगरी मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया, होटल ताज, एलिफेंटा की गुफाएँ, फिर दिल्ली के विलिन्न दर्शनीय स्थल जिनमें राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, लालकिला, राजघाट, जंतर-मंतर, बहाई प्रार्थना केंन्द्र, जामा मसिजद, अक्षर धाम मंदिर आदि प्रसिद्ध जगहों के बर्णन पड़कर मुझे अजीव-सा लगा है। यह सफर का वर्णन वास्तव में सबके लिए लाभदायक, मजेदार और शिक्षाप्रद है।
(“भारत दर्शन” फराखौ फरायनानै आं जोबोद मोजां मोनदों।)
मुंख ‘नाय फरा” भारत दर्शन “आ मोनसे सोलोंथायारि दावबायनायनि सायाव सोनारनाय। बेवहाय जों भारतनि जारिमिनारि जायगाफोरनि बिजिरनायखौ फरायना मोनदों। जेब्ला दावबायनायनि बिजिरनाया गुवाहाटीनिफ्राय जागायनानै कलकाटा मोनहैयो आरो कलकटानि जादु न’, बिरला हाथरखि न’, हाउरा दालां, भिक्टरीया मेम ‘रियेल हल, बिद्यासागर दालां आरि जारिमिनारि जायगाफोरनि मुं फरपायना मोनो, आंनि गोसोआव हाबिला जायो दि आंबो खेबसे खाधिनिफ्राय अबंलावरिनि पुरी थानसालि, क’नार्कनि सुर्य मन्दिर, उदगिरि आरो खडागरनि मुलुग दांखा जैन दन्द्रफोर, माला नोगोर मुम्बाइनि गेटवे अफ इण्डिया, ह ‘टेल ताज, एलिफेन्टनि दन्दरफोर, दिल्लीनि गुबुन गुबुन नायनोगोनां जायगा जेराव हादोरगिरिनि न’, संसद न’, जन्टर-मन्टर, बेहाय आरज गाबग्रा मिरु, जामा मछजिद, अछनि धाम मन्दिर आरि जायगाफोरनि बर्नायनायखौ फरायना सोमोनांनायाव मोनो। बे दावबायनायनि बिजिरनाया थारैनो गासैबोनि थाखाय मुलाम्फा गोनां, रंजाथाव आरो गियानहोगिरि।
(ख) रेलगाड़ी में फेरीवाले क्या-क्या बोलते है? (रेलगारियाव फेरिवालाफोरा मा मा बुङो)
उत्तर: रेलगाड़ी में फेरीवाले अलग-अलग अंदाज में बोलते हैं। ‘गरम चटफटे चने खा लो’…. ‘बादाम ले लो बादाम’, ‘सस्ता – मीठा फल ले लो’ आदि।
(रेलगारियाव फेरिवालाफोरा गुबुन गुबुन आखुजों बुङो- “गुदुं एवनाय बुट ला,” “बादाम ला बादाम” “बेसेन खमनि गोदै फिथाइ ला” आरि।
(ग) शराइघाट का पुल किस नदी पर बना है? (शराइघाट दालांखौ बबे दैमानि सायाव बानायदों?)
उत्तर: शराइघाट का पुल ब्रह्मपुत्र नद पर बना है।
(शराइघाट दालांखौ बुर्लंबुथुर दैमानि सायाव बानायदों।)
(घ) बच्चे कोलकाता में किस रेलवे स्टेशन पर उतरे? (हौवासाफोरा कलकतानि बबे रेलवे स्टेसनाव ओंखारखो?)
उत्तरः बच्चे कोलकाता में हावड़ा स्टेशन पर उतरे।
(हौवासाफोरा कलकतानि हाउड़ा स्टेसनाव ओंखारदों।)
(ङ) दक्षिण भारत का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन कौन सा है? (खोला भारतनि बयनिख्रुइ देरसिन रेलवे जंसना मा?)
उत्तरः ‘विजयवाड़ा’ दक्षिण भारत का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है।
(“बिजयबड़ा” या खोला भारतनि बयनिख्रुइ देरसिन जंसन।)
(च) ‘माया नगरी’ के नाम से कौन सा शहर विख्यात है? (“माया नगरी ” मुड़ै बबे सोहोरा मुंदांखा?)
उत्तरः माया नगरी नाम से मुम्बइ शहर विख्यात है।
(“माया नगरी ” मुड़ै मुम्बइ सोहोरा मुंदांखा।)
(छ) ‘पेठा’ कहाँ की मशहूर मिठाई है? (“पेठा” या बबेनि मुंदांखा मिथाइ?)
उत्तरः ‘पेठा’ आगरा का मशहुर मिठाई है।
(“पेठा” या आग्रानि मुंदांखा मिथाइ।)
(ज) बच्चों ने तैरते हुए डॉलफिनों को कहाँ देखा? (हौवासाफोरा सानस्रिबाय थानाय डलफिनफोरखौ बबेयाव नुदोंमोन?)
उत्तरः बच्चों ने तैरते हुए डालफिनों को चचिल्का झीलज में देखा।
(हौवासाफोरा सानस्रिबाय थानाय डलफिनफोरखौ चिल्का बिलोआव नुदोंमोन।)
(झ) ‘तेलुगु’ किस राज्य की भाषा है? (“तेलेगु” आ बबे राज्योनि राव?)
उत्तर: ‘तेलुगु’ अंध्र प्रदेश की भाषा है।
(‘तेलेगु ‘आ अन्ध्र प्रधेसनि राव।)
2. संक्षेम में उत्तर दो: (गुसुङै फिननाय हो:)
(क) पुरी में सबसे आनंददायक क्या रहा? (पुरीयाव बयनिख्रुइ रंजाथावनाया मा मोन?)
उत्तर: अपार नीले समुद्र में उफनती लहरो को देशना, पुरी में सबसे आनंददायक रहा।
(रुगुं गैयि सोमखोर लैथोआव उसिफावना फैनाय दैथुनफोरखौ नायनाय, पुरीयाव बयनिख्रुइ रंजाथावसिनमोन।)
(ख) किस कारण से मुंबई की ‘बॉलीवुड’ के नाम से भी जाना जाता है? (मानि थाखाय मुम्बाइख़ौ ‘बलिउद’ मुङै मिथियो?)
उत्तरः मुंबई में भारत का हिन्दी चलचित्र एंव दुरदर्शन उद्योग रहने के कारण मुम्बई की ‘बालीवुड’ के नाम से भी जाना जाता है।
(मुम्बाइयाव भारतनि हिन्दी सावथुन आरो जाननु दारिमिन थानायनि थाखाय मुम्बाइखौ “बलीउड” मुङै मिथिनाय जायो।)
(ग) मुंबई में बच्चों ने क्या-क्या देखा? (मुम्बाइयाव हौवासाफोरा मा मा नुदों?)
उत्तर: बच्चों ने मुम्बई मै रेल उतरते हुए पहले-पहल छत्रपति शिवाजी टर्मिनस देखा। इसके बाद नरामन पवाइट, चापाटा, जुहुबाच, मरान, ड्राइव, गेटवे ऑफ इंडिया, होटल ताज, एलिफेंटार की गुफाऐ आदि के अलावा कुछ फिल्मी सितारों के बंगले भी देखें।
(हौवासाफोरा मुम्बाइयाव औंखारनानैनो गिबि गिबियाव छत्रपति शिबाजी टर्मिनचखौ नायो। बेनि उनाव नरामन पावाइट, चापाटा, जुहुबाच, मरान, ड्राइब, गेटवे अफ इण्डिया, ह’टेल ताज, एलिफेन्टनि दन्दरफोरनि अनगायैबो सानैसो सावथुन हाथरखिफोरनि न ‘बो नायो।)
(घ) दिल्ली के प्रमुश दर्शनीय स्थलों के नाम लिखो। (दिल्लीनि गाहाय नायनोगोनां जायगाफोरनि मुं लिर।)
उत्तर: दिल्ली के प्रमुख दर्शनीय स्थल है- राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, लालकिला, राजधामट, जंतर-मंतर, बहाई प्रार्थना केंन्द्र जामा मसजित, अक्षर धाम मंदिर, मुगल गार्डेन आदि।
(दिल्लीनि गाहाय नायनो गोनां जायगाफोरा जाबाय – हादोरगिरिनि न’ संसद न’, इण्डिया गेट, कुतुब मीनार, लालकिला, राजघाट, जन्तर-मन्टर, बहाइ प्रार्थना केन्द्र, जामा मछजिद, अक्षर धाम मंदिर, मुगल गार्डेन आरि।)
(ङ) ताजमहल के बारे में तुम क्या जानते हो? (ताजमहलनि सोमोन्दै नों मा मिथिगौ?)
उत्तरः ताजमहल सफेद संगमरमर से बनी एक सुन्दर इमारत है। इसे मुगल बादशाह शाहजहाँन ने अपनी पत्नी अर्जुमंद बानो उर्फ मुमताज की याद में बनवाया था। उन्हीं के नाम पर इस महल का नाम च्ताजमहल पड़ा। 1983 ई. में ताजमहल मुगल वास्तुकता का उत्कृष्ट नमुना है।
(ताजमहला गुफुर मार्बल अन्थाइजों बानायनाय गंसे समायना न’। बेखौ म ‘गल बादछाह छाहजाहाना गावनि बिफा अर्जुमन्द बान’ उर्फ ममताज महलनि गोसोखांथियाव बानायदोंमोन। बिनि मुंजोंनो बे न ‘नि मुङा ताजमहल जायो। 1983 इं मायथाइयाव ताजमहलखौ इउनेस्क’ मुलुग सम्फद महरै फोसावनाय जादों। ताजमहला मग ‘ल लुथाय आरिमुनि साबसिन बिदिन्थि।
3. भारत के दिए गए मानचित्र में निम्नलिखित जगहों की चिह्नित करो और यात्रा-कार्यक्रम के अनुसार उन्हें रेखा खीचकर मिलाओ: गुवाहाटी, नई दिल्ली, हावड़ा, पुरी, मुंबई, आगरा। (भारतनि मान सावगारियाव होनाय गाहाइयाव होनाय जायगाफोरखौ सिन हो आरो दावबायनायनि हाबाफारि बायदियै बेफोरखौ हांखो बोनानै गोरोब हो।)
उत्तरः गावनो खालाम।
4. नीचे दिए गए यात्रा कार्यक्रम को ध्यान से देखो और प्रश्नों के उत्तर दो: (गाहाइयाव होनाय दावबायनाय हाबाफारिखौ गोसोहोना नाय आरो सोंथिफोरनि फिननाय हो।)
(क) यह भारत भ्रमण का कार्यक्रम कुल कितने दिनों का है? (बबेयाव भारत दावबायनाय हाबाफारिया बेसेबां सान?)
उत्तरः यह भारत भ्रमण का कार्यक्रम कुल तेरह दिनों का है।
(बेयाव भारत दावबायनाय हाबाफारिया गासै जिथाम सान।)
(ख) भ्रमण के दौरान सबसे लंबी रेल-यात्रा कौन सी और कितने घंटे की है? (दावबायनायनि समखिनियाव बयनिख्रुइ गोलाव रेल दावबायनाया बबेयो आरो बेसेबां घन्टा?)
उत्तरः भ्रमण के दर्शन सबसे लंबी रेल-यात्रा दिल्ली से गुवाहाटी तक ब्रह्मपुल मेल की और मे 23:30 घंटे की है।
(दावबायनायनि समखिनियाव बयनिख्रुइ गोलाव रेल-दावबायनाया जाबाय बुर्लुंबुथुर मेलजों दिल्लीनिफ्राय गुवाहाटीसिम। बे समखिनियाव सम नांदोंमोन 23:30 घन्टा।
(ग) गुवाहाटी से दिल्ली पहुंचने में ट्रेन से कितने घंटे लगते हैं, देखकर बताओ। (गुवाहाटीनिफ्राय दिल्ली मोनहैनो रेलजों बेसेबां घन्टा सम नांगौ?, नायनानै बुं।)
उत्तरः गुवाहाटी से दिल्ली पहुंचने में ट्रेन से 23:30 घन्टे लगते है।
(गुवाहाटीनिफ्राय दिल्ली मोनहैनो रेल गारियाव 23:30 घन्टा नांगौ।)
(घ) इस कार्यक्रम में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस प्रस्थान समय 22.35 लिखा हुआ है। तुम्हारी घड़ी में समय कितना बज रहा होगा?) (बे हाबाफारियाव हाउरा-पुरी एक्सप्रेसनि नागारनाया समखौ 22.35 लिरनाय दं। नोंनि घरीयाव बै समाव बेसेबां बाजिनो हमदों?)
उत्तरः उस समय मेरी घड़ी में रात 10:35 बजे है।
(बै समाव आंनि घरीयाव हरनि 10:35 रिंगा जादों?)
5. निम्नलिखित प्रश्नों के चार-चार उत्तर दिए गए है। सही उत्तर का चयन करो: (गाहाइयाव लिरनाय सोंथिफोरनि मोनब्रै मोनब्रै फिननाय होनाय दं। फिननायखौ सायख ‘नांगौ–)
(क) ‘सिटी ऑफ जय’ के नाम से प्रसिद्ध है– (“सिटी अफ जय” मुङै मुंदांखा–)
(अ) कोलकाता
(आ) गुवाहाटी
(इ) मुंबई
(ई) दिल्ली
उत्तरः (अ) कोलकाता।
(ख) कोणार्क_____ मंन्दिर के लिए प्रसिद्ध है: (कोनार्क_____ मन्दिरनि थाखाय मुंदांखा–)
(अ) शिव मंदिर
(आ) सूर्य मंदिर
(इ) गणेश मंदिर
(ई) श्रीराम मंदिर
उत्तरः (आ) सूर्यमंदिर।
(ग) एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है– (एचियानि बयनिख्रुइ गेदेर गोबाब दैनि बिलोआ–)
(अ) चिल्का
(आ) साँभर
(इ) डल
(ई) दीपोर
उत्तर: (अ) चिल्का।
(घ) ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ कहाँ है? (‘गेटवे अफ इण्डिया’ या बबेयाव?)
(अ) दिल्ली
(आ) कोलकाता
(इ) जयपुर
(ई) मुंबई
उत्तरः (ई) मुंबई।
(ङ) मुंबई किस राज्य में स्थित है? (मुम्बाइआ बबे राज्योआव दं?)
(अ) महाराष्ट्र
(आ) गुजरात
(इ) उड़ीसा
(ई) आंन्ध्रप्रदेश
उत्तर: (अ) महाराष्ट्र।
पाठ के आस-पास (फरानि सेर-सेर)
1. संक्षेप में लिखो: (गुसुङै लिर:)
(क) भ्रमण शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अगँ है। इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखो। (“दावबायनाया सोलोंथाइनि गोनां बाहागो” बे आयदानि सायाव मोनसे फरा लिर।)
उत्तरः भ्रमण शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग है। आँखो से देखकर या अनुभव से प्राप्त ज्ञान की प्रत्यक्ष ज्ञान कहते है। पुस्तक परोक्ष ज्ञान का माध्यम है।
भ्रमण से हम वास्तव ज्ञान ले सकेत है। बिभिन्न बिषयों की प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करना भ्रमण ही एकमात्र साधन है। जब हम किसी स्थान का भ्रमण करते है, तब उस स्थान की भौगोलिक विशेषता और वहाँ की लोगों का रहन-सहन, रीति-नीति आदि ज्ञान पा जाते हैं।
भ्रमण से हमें मनोरंजन भी आ जाते हैं। इसलिए आजकल भ्रमण की शिक्षा का महतवरूर्ण साधन माना है।
भ्रमण का इतिहास बहुत पुराना है। जब लो विज्ञान की चमत्कार से काफी दुरी पर थे, तब भी लोग एक जगह से दुसरा जगह तक भ्रमण किया करते थे। उस समय लोगों की सवारी बस, रेल के बदले, ऊँट, हाथी या घोड़े पर सवार होकर भ्रमण किया करते थे।
भ्रमण से देश की प्रगति होती है। ‘हुवेनसांग’, ‘इवनवटुत’, ‘मार्कोपलो’, भास्को-दा-गामा’ और ‘कालम्वास’ आदि पर्यटकों के कारण ही आज दुनिया प्रगति की और बढ़ रही है।
(दावबायनाया सोलोंथाइनि मोनसे गोनां बाहागो। मेगनजों नुनाय एबा सानदांथिजों मोननाय गियानखौ थोंजों गियान बुंनाय जायो। बिजाबा थोंजों गियाननि बिजों।)
दावबायनायनि जोहै थार गियान मोननो हायो। बायदि बायदि आयदानि थोंजों गियान मोननो दावबायनायनो मोनसेल’ बिजों। जेब्ला जों बबेबा जायगायाव दावबायो, अब्ला बै जायगानि भुमखौराङारि जुनियाथि आरो बेनि मानसिफोरनि रहन-चहन, आसार-खान्थि बायदिनि गियान मोनो।
दावबायनायनिफ्राय रंजानायबो फैयो। बेनिखायनो आथिखालाव दावबायनायखौ सोलोंथाइनि गोनां आबुं बिजों महरै मानिना लादों। दावबायनाय जारिमिना जोबोद गोजाम। जेब्ला मानसिया बिगियान दिहुनथाइनिफ्राय गोबां गोजानाव दंमोन, अब्ला मानसिया दाबसे जायगानिफ्राय गुबुन दाबसे जायगायाव आगान सुरदोंमोन। बै समाव मानसिनि दैबथिंग्राया बास, रेलनि सोलाय, उट, मैदेर आरो गराय बिखुङाव गाखोनानै दावबायदोंमोन।
दावबायनायनिफ्राय हादरनि दावगानाय जायो। हिवेनचां, इबनबटुता, मार्क प’ल’, भास्क’-दा-गामा आरो कलम्बाच आरि दावबायारिफोरनि थाखाय दिनै ‘बुहुमा दावगानायनि दिकथिंजाय आवगायलांगासिनो दं।
(ख) भ्रमण को आनंददायक कैसे बनाया जा सकता है? पाँच तरीके बताओं। (दावबायनायखौ रंजाथाव माबोरै खालामनो हायो? मोनबा राहा बुं)
उत्तर: भ्रमण को आनंददायक बनाने में ये तरीके अवलम्बन करना जरुरी है:
(क) सुदक्ष गाइड (व्यवस्थापक)
(ख) यातायात का सु-व्यवस्था।
(ग) भ्रमण स्थल ऐतिहासिक और आधुनिक खम्बल से भरपूर।
(घ) भोजन का सु व्यवस्था, दवा आदि
(ङ) अच्छी साथी।
(दावबायनायखौ रंजाथाव खालामनो थाखाय गासैबो राहाखौ लानाया गोनां:)
(क) गोरों दिथागिरि
(ख) हान्थामेलानि मोजां राहा
(ग) दावबायनायनि जायगाया जारिमिनारि आरो गोदानरि बिथिङाव आबुं
(घ) खाजानि मोजां राहा, मुलि आरि
(ङ) मोजां लोगो।
(ग) मान लो कि तुम भी रमेन की तरह भारत-भ्रमण के लिए जाना चाहते हो। इसकेलिए अपने साथ ले जाने वाले सामानों की एक सूची बनाओ। (मानिना लादि नोंबो रमेननि बायदि भारत दावबायनायाव थांनो नागिरदों। बेनि थाखाय गावनि लोगोआव लांफानोगोनां मुवाफोरनि मोनसे फारिलाइ बानाय।)
उत्तरः अपने साथ ले जाने वाले समानों:
(क) भोजन सामग्री।
(ख) दलाएँ।
(ग) दैनिक विवरण लिखने के लिए ‘दायरी’।
(घ) मानचित्र (अनजान स्थल के लिए) आदि (गावनि लोगोआव लांफानांगौ मुवाफोरा जाबाय:)
(क) आदार मुवा
(ख) मुलि
(ग) सानफ्रोमबोनि बिजिरथि लिरनायनि थाखाय सानरेब
(घ) मानसावगारि (सिनायमोनि जायगानि थाखाय)
(घ) भ्रमण के दौरान हमें भाषा के बारे में भी कुछ जानकारी याँ मिलती है। क्या तुम बता सकते हो कि रमेन को किन किन रेलवे स्टेशनों पर कौन-कौन सी भाषाएँ सुनने को मिली होंगी? (दावबायनाय समाव जों रावनि सोमोन्दैबो खायसे बाथ्रा मिथिनो मोनो। मा नों बुंनो हागोनना रमेना बबे बबे रेल स्टेसनाव मा मा राव खोनानो मोन्दोंमोन?)
उत्तर: हा, बता सकता हुँ। निम्नलिखित रेलवे स्टेशनों पर ये भाषाएँ रमेन को सुनने को मिली–
(नंगौ, बुंनो हागौ। गाहाइयाव लिरनाय रेलवे स्टेसनाव बेफोर रावखौ रमेना खोनानो मोन्दोंमोन।)
स्टेशन | भाषाएँ |
हावड़ा | बांला |
भुवनेश्वर | उड़िया |
विजयवाड़ा | तेलगु |
2. टिप्पणी लिखो: (लिरसुंथाइ लिर:)
(क) भ्रमण: भ्रमण शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग है। भ्रमण से हम वास्तव ज्ञान ले सकत है। पुस्तक परीक्षा ज्ञान का माध्यम है। विभिन्न विषयों की प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करना भ्रमण ही एकमात्र साधन है। जब हम किसी स्थान का भ्रमण करते हैं तब उस स्थान की भोंगोलिक विशेषता और वहाँ की लोलों का रहन-सहन, रीति-रिवाज आदि ज्ञान पा जाते है।
भ्रमण से अपना तथा देश की प्रगति होती है।
(दावबायनाय: दावबायनाया सोलोंथाइनि मोनसे गोनां बाहागो। दावबायनायनिफ्राय जों मोगथाङारि गियान मोननो हायो। बिजाबा जाबाय खेंस्ला गियाननि बिजों। गुबुन गुबुन आयदाफोरखौ थोंजोंयै मिथिनोब्ला दावबायनायनो जाबाय मोनसेल’ राहा। जेब्ला जों माबेबा जायगाखौ दावबायो, अब्ला बै जायगानि भुमखौरांआरि जुनियाथि आरो बेनि मानसिनि आखल-आखु, आसार-खान्थिनि गियान मोनो।
दावबायनायनिफ्राय गावनि आरो हादोरनि जौगानाय जायो।)
(ख) रेलगाड़ी: रेलगाड़ी यातायत का सुचल माध्यम है। लम्बी पफर के लिए रेलगाड़ी यात्रा आरामदायक है। इस में हाजारों लोग एक साथ वैठकर सफर कर सकते हैं। यह आधुनिक विज्ञान का सफल चमत्कार है।
(रेलगारि: रेलगारिया जाबाय दावबायनायनि गोरलै बिजों। गोलाव दावबायनायनि थाखाय रेलगारिजों दावबायनाया आराम गोनां। बेयाव हाजारनिख्रुइबो बांसिन मानसिया ज ‘यै ज’नानै दावबायनो हायो। बेयो जादों गोदानारि बिगियाननि फिथाइ थाइलु दिहुनथाइ।)
(ग) डायरी: हमारे दैनिक कार्यो में एक अति महत्वपूर्ण कार्य है ‘डायरी लेखन’। दिनभर की वातों को रात को सोने के पहले अपनी डायरी में लिखने के अनेक फायदें हैं। अतीत मंठन करने में ‘डायरी’ भी एक बड़ा समल है।
(सानरेब: जोंनि सानफ्रोमबोनि खामानिनि गेजेराव मोनसे जोबोद गोनां खामानिया जाबाय सानरेब लिरनाय। गासै सानसेयाव जानाय बाथ्राफोरखौ हराव उन्दुनायनि सिगांनो गावनि सानरेबाव लिरोब्ला गोबां मुलाम्फा दं। गोदो गोसोखांफिननायाव सानरेबा मोनसे गेदेर आइजें।)
(घ) ताजमहल: ताजमहल विश्व के अन्यतम आश्चर्य धरोहर है। इसे मुगल वादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी अर्जुमंद वानी उर्फ मुमताज महल की याद में बनवाया था। उन्ही के नाम पर इस महल का नाम ‘ताजमहल’ पड़ा। ताजमहल मुगल वास्तुकता का उत्कृष्ट नमुना है। यह सफेद संगमरमर से बनी सुन्दर इमारत हैं।
(ताजमहल: ताजमहला बुहुमनि साबसिन सोमोनांथाव सम्फद। बेखौ म ‘गल सम्राट छाहजाहाना गावनि बिसि अर्जुमन्द बानी उर्फ मुमताज महलनि गोसोखांथियाव बानायदोंमोन। बिनि मुंजोंनो बे महलनि मुङा जादोंमोन- ताजमहल। ताजमहला जाबाय मग ‘ल लुथाइ आरिमुनि साबसिन नेरसोन। बेयो गुफुर मार्बल अन्थाइजों बानायनाय समायना महल /न’।
भाषा-अध्ययन (राव-फरायसंनाय)
1. जो शब्द हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य आदि भावों को प्रकट करते है, उन्हें विस्मयादिबोधक शब्द कहते हैं। जैसे ‘वाह! क्या छक्का मारा है।’ इस वाक्य में रेखांकित शब्द हर्षसूचक विस्मयादिबोधक है।
(जाय सोदोबा रंजानाय, दुखु, मुगैनाय, सोमोनांनाय आरि फोरमायो बेखौनो सानबोलावरि दिन्थिग्रा सोदोब बुंनाय जायो। जेरै- “बाह!” मा द’ बुंदों।” बे हांखो दिन्थिनाय सोदोबखौ सानबोलावरि दिन्थिग्रा होनना बुङो।
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त विस्मयादिबोधक शब्दों को छाँटी और यह भी लिखो कि उक्त वाक्यों में मन के कोन-से भाव प्रकट हुए है:
(गाहाइयाव लिरनाय सोदोबफोरनि थि सानबोलावरि दिन्थिग्रा सोदोबफोरखौ सायख’ आरो बेखौबो लिर दि गोजौनि बाथ्रायाव गोसोनि मा साननाया बेरखांदों।)
उत्तरः
(क) अरे ! जरा मेरी बात तो सुनो। | अरे ! संबोधनसूचक विस्मयादि बोधक। |
(ख) हाय ! मैं लुट गया। | हाय ! शोक सूचक विस्मयादि बोधक। |
(ग) छी छी ! कितनी गंदगी है। | छी छी ! घृणा सूचकविस्मयादि बोधक। |
(घ) वाह ! क्या स्वाद है। | वाह ! आश्चर्यसूचक विस्मयादि बोधक। |
(ङ) शाबाश ! तुमने कमाल कर दिया। | शाबाश ! हर्ष सूचक विस्मयादि बोधक। |
(च) आह ! दर्द से रहा नही जाता। | आह ! शोकसूचक विस्मयादि बोधक। |
(छ) ओह ! इस लड़के ने बहुत कष्ट झेला। | ओह ! शोकसूचक विस्मयादि बोधक। |
(ज) बापरे ! कितना बड़ा साँप है। | बापरे ! आश्चर्यसूचक विस्मयादि बोधक। |
2. समुच्चबोधकः समुच्यबोधक शब्द दो शब्दों या वाक्यशों को जोड़ता है। इसे संयोजक भी कहते है। जैसे जहाँनारा और प्रशांत वनभोज पर गए। इस वाक्य में और समुच्चयबोधक शब्द है। ऐसे ही अथवा, या, चाहे, बल्कि, किंतु, परंतु, तथा आदि संसुच्चयबोधक शब्दों से एक-एक वाक्य वनाओ।
(सुंजाबनाय सोदोबा मोननै सोदोब एबा बाथ्राखौ ज ‘रायो। जेरै– सहना आरो प्राशान्त मोना लाउखार ओंखाम जानो थांदोंमोन। बेबादिनो नङाब्ला, एबा, नाथाय बायदि ज’रा लागायग्रा सोदोबफोरजों बाथ्रा बानाय।)
अथवा: प्रश्न न. एक (1) अथवा दो (2) में से किसी एक का जवाव दो।
(1 नं सोंथि एबा 2 नं नि जायखिजाया मोनसे फिननाय हो।)
या: लड़का आयेगा या लड़की आवेगी।
(हौवासाया फैगोन एबा हिनजावसाया फैगोन।)
चाहे: तुम चाहे मुझे जो कुछ कहो, मैं तुम्हें पेसा नही दे सकता।
(नों नांगौब्ला आंखौ जायनो बुङामानो, आं नोंनो फैसा होनो हाया।)
बल्कि: गांधी और कबीर के बीच आचरण का भेंद है बल्कि तथ्य का भंद नहीं।
(गान्धी आरो कबीरनि गेजेराव आखुनि फाराग दं, अदेबानि तथ्य (खारि) नि फाराग गैया।)
किन्तु: राम ने भात खाया किन्तु रोटी नही खाया।
(रामा ओंखाम जाबाय, नाथाय रुटि जायाखिसै।)
परन्तु: लड़की चतुर है, परन्तु वह आलसी हैं।
(हिन्जावसाया सोलोगोनां नाथाय बियो अलसिया।)
तथा: भ्रमण से अपना तथा देश की प्रगति होती है। (दावबायनायनिफ्राय गावनि लोगोसे हादरनि जौगानाय जायो।)
3. आओ, जान ले: (फै मिथिना लानि:)
क्रिया के जिस रूप से आनेवाले समय का बोध हो, उसे भविष्यत काल कहते हैं। भविष्यत काल के दो भेद माने जाते हैं–
(क) सामान्य भविष्यत
(ख) संभाव्य भविष्यत।
(थाइजानि जा महरनिफ्राय फैबाय थानाय समनि सोमोन्दै मिथिना मोनो, बेखौनो इयुन बिदिन्था बुङो। इयुन बिदिन्थानि बाहागोआ मोननै–)
(क) सरासनस्रा इयुन
(ख) जानोहाथाव इयुन।
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़ो और समझो: (गाहाइयाव होनाय सोदोबफोरखौ गोसो होना फराय आरो बुजिना ला)
(क) मैं खेलूँगा (आं गेलेगोन)
(ख) तुम पढ़ोगे (नों फरायगोन)
(ग) आप खाएँगे (नोंथाङा जागोन)
ऊपर के वाक्य सामान्य भविष्यत काल में हैं। अब कुछ वाक्य और देखो– (गोजौनि बाथ्राफोरा गोरलै इन बिदिन्थायाव दं। दानिया खायसे बाथ्रा आरो नाय।)
(क) उसके साथ में खेलूँ।
(बिनि लोगोआव आं गेलेयो।)
(ख) शायद वह चला जाए।
(जानो हागौ बियो जायखार लांगोन।)
(ग) संभवत: मैं नौकरी छोड़ दूँ।
(जाथावगौ: आं सारिद एंगारना होनि)
ये वाक्य संभाव्य भविष्यत काल के है।
(बे बाथ्राफोरा जानोहाथाव इयुन बिदिन्था)
ध्यान रखने योग्य बातें: (गोसोआव लाखिनो गोनां बाथ्रा:)
रेलगाड़ी में सफर करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिए: (रेलगारियाव दावबायनाय समाव गाहाइयाव लिरनाय सांग्रांथिफोरखौ लानांगौ।)
1.उचित टिकट अथवा पास साथ में रखें।
(थार टिकिट एबा पाछकार्ड लोगोआव लाखिनांगौ)
2. अपने सामान की देखभाल स्वं करें।
(गावनि मुवानि जोथोन-रैखाथिखौ गावनो खालाम।)
3. अपनी निर्धारित सीत अथवा बर्थ पर ही बैठे। (गावनि थिखानाय मासि एबा खथायावसो ज’।)
4. खाने-पीने की चीजें अपने साथ ले जाएँ।
(जानाय-लोंनाय मुवाखौ गावनि लोगोआव लाना थां।)
5. बाहर की वस्तुएँ न खाएँ।
(बायजोनि मुवाफोरखौ जानाङा।)
6. अजनबी से किसी वस्तु का लेन-देन न करें।
(सिनायहायै मानसिनि लोगोआव जायखिजाया मुवाखौ लांलाय लाबोलाय दाखालाम।)
7. लावारिस चीजों को हाथ न लागाएँ।
(बिगोमागैयि मुवानि सायाव आखाइ दाहो।)
8. यदि जरूरी न हो तो गाड़ी से न उतरें।
(जिदु गोनां जाया, अब्ला गारिनिफ्राय दा ओंखार।)
9. खिड़की से हाथ या सिर बाहर न निकालें।
(खिरखिजों आखाइ एबा खर’ बायजोआव दा दिहुन।)
10. कोई चीज खो जाने अथवा चोरी हो जाने पर तुरंत गार्ड या टिकट संग्राहक को इसकी सूचना दें तथा शिकायत दर्ज कराएँ।
(माबा मोनसे मुवा गोमाब्ला एबा सिखाव जाब्ला लोगो लोगोनो गार्ड एबा टिकिट नायग्रानो बेनि खौरां हो। नङाब्ला अजद हो।)
क्या तुम जानते हो?
(नों मिथिगौना?)
युनेस्को विश्व धरोहर स्थल: युनेस्को विश्व धरीहर स्थल ऐसे खास स्थानों को कहा जाता है, जो विश्व धरीहर समिमित द्वारा चयनित होटे हैं। यही समिति युनिस्को के तत्वावधान में इन स्थलो को देखरेख करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व संस्कृति को दृष्टि से मानवता के लिए महत्व पूर्ण देश में 25 से अधिक स्थल हैं जिन्हें युनेस्को द्वारा विश्व घरोहर स्थल घोषित किया गया है।
इउनेस्क’ मुलुग सम्फद जायगा: इउनेस्क’ मुलुग सम्फद जायगाया एरैबायदि गाहाय जायगाखौ बुंनाय जायो, जायखौ मुलुग सम्फद आफादनि दारै सायख ‘नाय जायो। बे आफादा इउनेस्क ‘नि नोजोराव थानाय जायगाफोरखौ नायफैयो। बे हाबाफारिनि थांखिया मुलुगनि एरैबादि जायगाफोरखौ सायख ‘नाय आरो रैखाथि होनांगौ जाय मुलुग हारिमुवारि नोजोरजों सुबुं माहारिनि थाखाय मदद गोनां। आसामनि मानस हाग्रामा, काजिरङाखौ लाफाना दुलाराय हादराव 25 निख्रुइ बांसिन जायगा दं, जायखौ इउनेस्क ‘नि दारै मुलुग सम्फद होननानै फोसावनाय जादों।
भारत का राष्ट्रपति भवन: यह भवन भारत के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। नइ दिल्ली में स्थित यह भवन दुनिया के विशालतम भवनों में से एक है तथा विश्व में किसी भी राष्ट्रध्याक्ष के आवास से यह बड़ा है। भवन परिषर में एक बिशाल उद्यान भी हैं जो ‘मुगल गार्डेन’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस उद्यान में विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है। अकेले गुलाब की ही यँहा बहुत-सी किस्मे है। प्रत्येक वर्ष कुछ दिनों के लिए यह उद्यान आम जनता के लिए भी खोल दिया जाता है।
(भारतनि हादोरगिरिनि न’: बे न ‘आ भारतनि हादोरगिरिनि सरकारि थाग्रा जायगा। गोदान दिल्लीयाव थानाय बे न ‘आ मुलुगनि गुवार न ‘फोरनि गेजेराव गंसे। आरो मुलुगनि जायखिजाया हादर माहायनि थाग्रा न ‘फोरनिख्रुइ देरसिन। न’नि सोरगिदिं गंसे गुवार उद्यानबो दं, जायखौ ‘मुगल गार्डेन’ मुङै मिथिनाय जायो। बे उद्यानाव दुलाराय मुलुगनि बायदि सिखिम गाबनि बिबारनि समायनाथिखौ नुनो मोनो। ग ‘लापआनो बेवहाय गोबां रोखोमनि दं। सानैसोनि थाखाय बे उद्यानखौ रायजोनि नायनायनि थाखाय खेवना होनाय जायो।)
Chapter No. | CONTENTS |
खोन्दो – 1 | भारता जोंनि जिवनिख्रुइ आंगो |
खोन्दो – 2 | कास्मीरनि आपेल |
खोन्दो – 3 | मेडम मेरी क्युरी |
खोन्दो – 4 | हारव’ रनि सेराव खुवा दं |
खोन्दो – 5 | बिनो दा बुं |
खोन्दो – 6 | भारतआरी देंखोनि मोनसे |
खोन्दो – 7 | गिबि थोबथिं / थरथिं |
खोन्दो – 8 | भारत नायदिनाय |
खोन्दो – 9 | जेरै खामानि एरै फिथाइ |
खोन्दो – 10 | गोकुल लीला |
खोन्दो – 11 | भारतनि रावारि खौसेथि |
खोन्दो – 12 | बानाननि मोगामोगि |
खोन्दो – 13 | आंनि गोदान उन्दै सम |
खोन्दो – 14 | आं गोख्रों बुरलुंबुथुर |