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New SEBA Class 8 Hindi Notes Chapter 9 जेरै खामानि एरै फिथाइ
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Chapter 9 जेरै खामानि एरै फिथाइ
अभ्यास माला (उनसोलों)
पाठ से (फरानिफ्राय)
1. निम्निलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दो: (गाहाइयाव लिरनाय सोंथिफोरनि फिननायखौ गुसुङे हो।)
(क) कुम्हार को धोबी के गधे पर इतना गुस्सा क्यों आया था? (कुमारा (दो दाग्राया) ध ‘बानि (जि-सुग्रानि) सायाव मानो एसेबां रागा जोंदोंमोन?)
उत्तरः धोबी के गधे ने कुम्हार के सभी बर्तनों पर कुद-कुद कर तोंड़ दिये थे। उसे देखकर कुम्हार को धोबी के गधे पर गुस्सा आया था।
(ध ‘बानि गाद ‘आ कुमारनि दोआव बाज्ल’ बाज्ल’ सिफायदोंमोन। बेखौ नुनानै कुमारा ध’बानि सायाव रागा जोंदोंमोन।)
(ख) कुम्हार धोबी को क्यों सबक सिखाना चाहता था? (कुमारा ध ‘बाखौ मानो साजाहोनो नागिरदोंमोन?)
उत्तरः धोबी के गधे द्वारा किए गए नुकसान के बदले कुम्हार धोबी को सबक सिखाना चाहता था।
(ध ‘बानि गाद ‘नि दारै खालामनाय खहानि सोलाय कुमारा ध’बाखौ साजाहोनो नागिरदोंमोन।)
(ग) दरबार में जाकर कुम्हार बादशाह अकबर से क्या बोला? (राजआफादसिम थांनानै कुमारा सम्राट आकबरखौ मा बुंखो?)
उत्तर: दरबार में जाकर कुम्हार बादशाह अकबर से बोल, – “महाराज शान को ही मेरे एक मित्र ईरान से आए हैं। उन्होंने मुझे बताया है कि ईरान के शाह हमारे देश और यहाँ के लोगो से बहुत प्रभावित हैं। परन्तु वह कहना है कि भारतीय हाथी काले व गंदे होते हैं। उसकी सेना में सफेद व स्वच्छ हाथी हैं।”
(घ) धोबी क्यों घबरा गया था? (ध ‘बाया मानो गिदोंमोन?)
उत्तरः धोबी सारा दिन रगड़-रगड़ कर हाथियों को साफ किया, परन्तु वे सभी काले के काले ही रहे। इसलिए वह शाम को थका हुआ धोबी घबड़ा गया।
(ध ‘बाया सानसे थारला हुवै-सुवै मैदेरखौ साफा खालामबाय। नाथाय गासैबो गोसोम जानैनो थाबाय। बेनिखायनो बियो बेलासि मेंहाबनानै गिदोंमोन)
(ङ) हाथियों को साफ न कर पाने के कारण बादशाह अकबर द्वारा धोबी को डाँटे जाने पर वह क्या बोला? (मैदेरफोरखौ साफा खालामनो हायैनि थाखाय सम्राटा ध’बाखौ रायनायाव ध ‘बाया मा बुंदोंमोन?)
उत्तर: जब हाथियों को साफ न कर पाने के कारण बादशाह द्वारा धोबी को डाँट रहे थे तो धोबी बोला,- “महाराज, यदि मेरे पास एक बड़ा टब हो, जिसमें हाथी बड़ा को रगड़ते समय रखा जा सके तो मुझे पुरा विश्वास है कि हमारे हाथी ईरान के बाडशाह के हाथियों से अधिक सफेद हो जायेंगे।”
(जेब्ला मैदेरफोरखौ साफा खालामनो हायैनि थाखाय सम्राटा ध ‘बाखौ रायदोंमोन, अब्ला ध’बाया बुङो, – “महाराजा आंनि लोगोआव गंसे गेदेर टाब थानायमोनब्ला, जायखौ मैदेरखौ हुनाय समाव लाखिनो हागौमोन, अब्ला आंहा फुरा फोथायनाय दं दि जोंनि मैदेरा इरान सम्राटनि मैदेरनिख्रुइ गोबां गुफुर जागोन।”
(च) ‘जैसे की तैसा’ कहानी से तुम्हें क्या सीख मिली? (“जेरै खामानि एरै फिथाइ’ सल ‘निफ्राय नों मा सोलोंखो?)
उत्तरः ‘जैसे को तैसा’ कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी दुसरों के अपकार करने की बात नही सोचनी चाहिए। कुम्हार ने धोबी की सबक सिखाने के लिए षड़यंत्र रचा था, किन्तु वह उल्टे उसमें फंस गया। इसलिए कोई भी काम करने से पहले हमें सोच समझकर कदम उठाना चाहिए।
(“जेरै खामानि एरै फिथाइ” सल ‘निफ्राय बेखौ सोलोंबायदि जों जेब्लाबो मालायनि गाज्रिखौ साननाङा। कुमारा ध’बाखौ साजाहोनायनि सोलो खालामदोंमोन, नाथाय बियो उलथायै फाननाव नाङो। बेनिखायनो जायखिजाया खामानि मावनायनि सिगां जों सानै-हयै मोजाङै आगान सुरनांगौ।)
(छ) धोबी को सबक सिखाने के लिए कुम्हार ने कौन-सी योजना बनाई? (ध ‘बाखौ साजाहोनायनि थाखाय कुमारा माबादि बिथांखि लादोंमोन?)
उत्तर: धोबी को सबक सिखाने के लिए कुम्हार बादशाह अकबर से मिलने दरबार गया। वहाँ जाकर बादशाह को काले व गंदे हाथी को साफ करके सफेद बनानें को झुठी कहानी सुनाई। कुम्हार की योजना के अनुसार हाथियों के धुलाई काम पड़ोस के धोबी को सापा, जिसके गधे कुम्हार के वर्तनों को तोड़ा था। इसलिए यह हाथी साफ करना कार्य मे लगाकर कुम्हार धोबी को सजा देने का यह योजना बनाई।
(ध ‘बाखौ साजाहोनायनि थाखाय कुमारा सम्राट आकबरनि खाथियाव थाङो। बैयाव थांनानै सम्राटखौ बुङो, लेथ्रा मैदेरखौ फोसाबनानै गुफुर खालामनायनि नंखाय सल’ खिन्थाबाय। कुमारनि बिथांखि बादियै मैदेर सुनायनि खामानिखौ बिनि न ‘खरनि खाथिनि ध’बानो होनाय जादोंमोन, जायनि गाद’आ कुमारनि हानि दोखौ सिफायदोंमोन। बेनिखायनो मैदेर साफा खालामनाय खामानि मावहोनानै कुमारा ध’बाखौ साजाहोनो थाखाय बिथांखि बानायदोंमोन।
(ज) क्या कुम्हार अपनी योजना में कामयाब हुआ? (मा कुमारा गावनि बिथांखियाव जाफुंनो हादोंमोन ना?)
उत्तरः नहीं, कुम्हार अपनी योजना में कामयाब नहीं हुआ।
(ओहो, कुमारा गावनि बिथांखियाव जाफुंनो हायाखैमोन।)
2. सही शब्द चुनकर वाक्यों को पुरा करो: (थार सोदोब सायख ‘नानै बाथ्राफोरखौ आबुं खालाम:)
(क) गधा_____ के कारण जोर जोर से रेंकने लगा। गधा (गाद’……… नि थाखाय गोबार गोबारै गाबख्रावनो हमबाय।)
(क) क्रोध
(राग)
(ख) दर्द
(सानाय)
(ग) बुखार
(लोमजानाय)
(घ) भय
(गिनाय)
उत्तर: गधा दर्द के कारण जोर-जोर से रेंकने लगा।
(गाद’आ सानायनि थाखाय गोबार गोबारै गाबख्रावनो हमबाय।)
(ख) _____ से मिलने के पश्चात वह निश्चिंत होकर अपने घर वापस आ गया। (….. .. खौ लोगो मोननायनि उनाव बियो थार जानानै गावनि न आव गिदिंना फैफिनो।)
(क) अकबर
(ख) बीरबल
(ग) ईरान के बादशाह
(घ) कुम्हार
उत्तरः बीरबल से मिलने के पश्चात वह निश्चित होकर अपने घर वापस आया।
(बीरबलखौ लोगो मोननायनि उनाव बियो थार जानानै न ‘आव गिदिंना फैफिनो।)
(ग) कुम्हार को हाथी के नहाने के लिए_____ बनाने का आदेश दिया गया। (कुमारखौ मैदेर थुखैनो……….. बानायनायनि बिथोन होदोंमोन।)
(क) गमला
(गामला)
(ख) टब
(टाब)
(ग) कंडाल
(हानि दो)
(घ) घड़ा
(दैहु)
उत्तरः कुम्हार को हाथी को नहाने के लिए टब बनाने का आदेश दिया गया।
(कुमारखौ मैदेर थुखैनो टाब बानायनायनि बिथोन होदोंमोन।)
(घ) ‘मैं तुम्हें तुम्हारी इस______ के लिए इनाम दूँगा।’ (आं नोनो नोंनि बे……… थाखाय बान्था होगोन।)
(क) तरकीब
(सोलो)
(ख) बुद्धिमत्ता
(सोलोगोनां खामानि)
(ग) चालाकी
(सैथान)
(घ) सहायता
(मदद)
उत्तर: ‘मैं तुम्हें तुम्हारी इस बुद्धिमत्ता के लिए इनाम दूंगा।’
(आं नोंनो नोंनि बे सोलोगोनां खामानिनि थाखाय बान्था होगोन।)
पाठ के आस-पास (फरानि सेर सेर)
1. आओ, सभी मिलकर चर्चा करें: (फै, बयबो लोगो नांनानै सावरायनि।)
(क) प्राणी-हिंसा को कैसे रोकें? (जिब-हिंसाखौ माबोरै बादा होनो?)
उत्तरः देश के हर व्यक्तियों के हृदय में आत्मनुशासन होना चाहिए। निरीह प्राणियों के मांस का लालच छोड़कर, उसके साथ प्रेम का भाव रखना चाहिए। ताकि हम प्राणी हिंसा रोक सकते हैं।
(हादरनि साफ्रोमबो सुबुंनि गोसोआव गावखौ दबथानाय थानांगौ। दाय गैयै जिबनि बेदर लुबैनायखौ गारनानै, बिसोरनि लोगोआव अननाय गोसो लाखिनांगौ। अब्लासो जों जिब हिंसा बादा होनो हागोन।)
(ख) जीव-जंतुओं की सुरक्षा के लिए हम क्या कर सकते है? (जिब-जुनारफोरनि रैखाथिनि थाखाय जों मा खालामनो हागौ?)
उत्तर: जीव-संतुओ की सुरक्षा के लिए जंगलों को ध्वंस न करके, अधिक से अधिक वृक्ष रोपन करना चाहिए। जीव-जंतु के सुरक्षा के लिए हम सबको मिलजुल कर कदम उठाना चाहिए।
(जिब-जुनारनि रैखाथिनि थाखाय हाग्राबारि फोजोबस्राङा लासि, बांसिननिख्रुइ बांसिन बिफां-लाइफां गायनांगौ। जिब-जुनारनि रैखानि थाखाय जों गासैबो गोरोबलायनानै आवगाय लानांगौ।)
(ग) सभी प्राणियों के साथ हमें क्या प्रेम का भाव नहीं रखना चाहिए? (गासैबो जुनारनि लोगोआव जों मा अननाय गोसो लाखिनो नाङा ना?)
उत्तरः नही, सभी प्राणियों के साथ हमे प्रेम भाव रखना चाहिए।
(ओहो, गासैबो जुनारनि लोगोआव जों अननाय गोसो लाखिनाङा।)
भाषा-अध्ययन (राव-फरायसंनाय)
1. आओ जानें: (मिथिना लानि फै)
रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं– (दाथायनि बिथायाव बाथ्राया मोनथाम रोखोमनि–)
(1) सरल वाक्य (गोरलै बाथ्रा)
(2) संयुक्त वाक्य (दाजाब बाथ्रा)
(3) मिश्र वाक्य (गलाय बाथ्रा)
इन वाक्यों को ध्यान से देखो–
बच्चे मैदान में खेल रहे है।
(हौवासा-हिनजावसाफोरा फोथाराव गेलेगासिनो द।)
सूर्योदय होने पर पक्षी बोलने लगे।
(सान ओंखारनायाव दावमा-दावसाफोरा गाबनो हमबाय।)
संन्यासी आशीर्वाद देकर अदृश्य हो गया।
(सन्यासीया बोर सारस्रिनानै गोमोर लांबाय।)
स्वावलंबी व्यक्ति सदा सुखी रहते है।
(गाव आथिंआव गसंनो हानाय सुबुङा जेब्लाबो सुखाव थायो।)
शाशि नाच रही है।
(साखिया मोसाबाय थादों।)
ऊपर सभी वाक्यो में मुख्य क्रिया ही है, जो रेखांकित अंशों में स्पष्ट है। आकार में छोटे-बड़े होते हुए भी चरना की दृष्टि से इसमें समानता है। ऐसे वाक्यों को सरल वाक्य कहा जाता है।
(गोजौनि गासै बाथ्रायाव गाहाय थाइजाया गासैबो, जायखौ हांखो सिननि होनाय बाहागोआव रोखायै दिन्थिनाय जादों। महराव गेदेर-फिसा जासेयावबो दाथायनि नोजोराव समानथि दं। बेफोरबादि बाथ्राखौ गोरलै बाथ्रा बुंनाय जायो।)
संयुक्त-वाक्य
मैं नित्य व्यायाम करता हूँ और स्नान करता हूँ।
आप कुछ पीएगें या आपके लिए भोजन ले आऊँ?
सुषमा बीमार है, इसलिए आज स्कुल नही गई।
मजदुर परिश्रम करता है लेकिन उसका लाभ उसे नहीं मिलता।
यदि वह झुट नहीं बोलता तो दंड न पाता।
ऊपर के वाक्यों में दो-दो उपवाक्य है और दोनों उपवाक्य को ‘और’, ‘या’, ‘इसलिए’, ‘लेकिन’, ‘तो’ आदि शब्दों से जुड़े हुए है। योजको या चमच्यय बोधक की सहायता से जुड़े ऐसे वाक्यो की संयुक्त वाक्य कहते हैं।
(गोजौनि बाथ्राफोराव मोननै-मोननै दं आरो मोननैबो बाथ्रासाखौ और (आरो), या (एबा), इसलिए (बेनिखायनो, लेकिन (नाथाय), तो (अब्ला) बायदि सोदोबजों दाजाबनाय जादों। बेफोरबादि सोदोबफोरजों दाजाबनाय सोदोबखौ दाजाब बाथ्रा बुंनाय जायो।
कुछ और वाक्य देखो–
राम ने कहा कि हम लड़ाई नहीं चाहते।
जो मेहनत करता है, उसे अवश्य सफलता मिलती है।
जब तुम स्टेशन पर पहुँचे तब मैं घर से चला।
श्यामलाल, जो पानबाजार में रहता है, मेरा मित्र हैं।
यह वही भारत देश है, जिसे कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था।
ऊपर के वाक्यों में एकाधिक उपवाक्य है, इनमें से एक प्रधान उपवाक्य है और अन्य गौण उपवाक्य। इन उदाहरणों में रेखांकिन अंश गौण उपवाक्य है और दुसरे अंश प्रधान वाक्य। ऐसे वाक्यों की मिश्र वाक्य कहते हैं।
(गोजौनि बाथ्राफोराव मोनसेनिख्रुइ बांसिन बाथ्रासा दं। बेफोरनि गेजेराव मोनसे गाहाय बाथ्रासा दं आरो गुबुनफोरा लेङाय बाथ्रा। बे बिदिन्थिफोराव हांखो बोनाय बाहागोआ लेङाय बाथ्रा आरो आद्रा बाहागोआ गाहाय बाथ्रा। बेफोरबादि बाथ्राखौ गलायथा बाथ्रा बुंनाय जायो।)
2. अपनी शिक्षण-माध्यम भाषा में अनुवाद करो: (गावनि आंगो रावजों राव सोलाय)
लाचित बरफुकन असम के एक प्रसिद्ध वीर थे। उन्होंने शराइधाट की लड़ाई में मुगलों को हराया और असम को बचाया था।
मुगल असम को जीत लेना चाहते थे। उसके सेनापति रामसिंह असम को जीतने के लिए दिल्ली से आये थे, पर लड़ाई में वे लाचित बरफुकन से हार गये।
लाचित बरफुकना अपने देश से बहुत प्यार करते थे। देश के काम में उनके मामा ने ढिलाई की थी। इस कारण मामा भी बच नहीं पाए। वे कहते थे “देश से मामा बड़ा नही है”।
(लाचित बरफुकना आसामनि सासे मुंदांखा बिरमोन। बिथाङा शराइघाटनि दावहायाव मग’लखौ फेजेनदोंमोन आरों आसामखौ रैखा खालामदोंमोन।
मग ‘ला आसामखौ जै खालामनो नागिरदोंमोन। बिसोरनि सानथ्रि गाहाय रामसिंहआ आसाम जै खालामनो थाखाय दिल्लीनिफ्राय फैदोंमोन, नाथाय दावहायाव लाचितनि आखायाव जेननानै थांफिनो।
लाचित बरफुकना गावनि हादरखौ जोबोद मोजां मोनोमोन। हादरनि खामानियाव बिथांनि बिमाया अलसिया खालामदोंमोन। बेनि थाखायनो बिमायाबो थांना थायाखिसै। बिथाङा बुंदोंमोन – “हादरनिख्रुइ आमाया देरसिन नङा।”
3. नीचे दिए गए अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करो:
(क) मैंने रोटी खाया।
(ख) वह दो महीने से बीमार है।
(ग) इस चिट्ठि को किसने लिखी है।
(घ) बच्चा माँ के बगल में बैठा है।
(ङ) राम और सीता आ रही है।
उत्तरः (क) मैंने रोटी खायी।
(ख) वह दो महीने से बीमार है।
(ग) इस चिट्ठी किसने लिखी है?
(घ) बच्चा माँ की बगल में बैठा है।
(ङ) राम और सीता आ रहे हैं।
4. आओ, जान लें: (फै मिथिना लानि)
‘से’ विभक्ति का प्रयोग
करण और अपदान इन दोनों कारकों की विभक्ति ‘से’ है। करण कारक की ‘से’ विभक्ति साधन और अपादान कारक की ‘से’ विभक्ति ‘पृथकता’… है।
जैसे–
(‘करण’ आरो ‘अपदान’ बे मोननै मावरिजानि बेखेवफाया जाबाय- ‘से’। करर्ण मावरिजानि बेखेवफाया से’ ओंथिया जाबाय- साधन आरो अपदान मावरिजानि बेखेवफा ‘से’ ओंथिया जाबाय- जुदाथि। जेरै–
‘मे’/’पर’ विभक्ति का प्रयोग (‘मे’/’पर’ बेखेवफा बाहायनाय) अधिकरण कारक की विभक्तियाँ ‘मे’ और ‘पर’। जहाँ किसी चीज का किसी स्थान या वस्तु के अंदर रहने का भाव प्रकट होता है, वहाँ ‘म’ का ओर जहाँ ऊपर रहने का भाव प्रकट होता है वहाँ ‘पर’ का प्रयोग होता है।
जैसे–
(‘मे’ आरो ‘पर’ अधिकरण मावरिजानि बेखेवफा। जेराव माबा मोनसे मुवाया जायखिजाया जायगा एबा मुवानि गेजेराव थानायनि ओंथि फोरमायो, बेयाव मे आरो जेराव गोजौआव थानाय ओंथि फोरमायो, बेयाव ‘पर’ मावरिजा बाहायनाय जायो। जेरै–
5. निम्न लिखित गद्यांश का शीर्षक देकर सारांश लिखो: (गाहाइयाव लिरनाय रायथायनि मुं होनानै सारबाहागोखौ लिर।)
मानव जीवन में खेलक्द का महत्वपूर्ण स्थान है। खेल व्यायाम का सबसे अच्छा साधन है। जिस बालक का मन अन्य कही नही लगता उसका मन भी खेलकूद में खूब लगता है। खेलने से चिंता दूर होतो है, उत्साह बढ़ता है तथा तन-मन दोनों प्रसन्न रहते हैं। इससे शरीर में चुस्ती आती है तथा कार्य क्षमता बढ़ती है। ऐसे गुण है, जो खेलों में भाग लेने से अपने आप ही आ जाते है। अनुशासन, सहयोग आदि ऐसे ही गुण हैं। आजकल नौकरियों में भी अच्छे खिलाड़ियो को प्राथमिकता दो जाती है। खेलों से राष्ट्रो के बीच अच्छे संबंध बन रहे हैं, ये राष्ट्रों को एक-दुसरे के निकट लाने में सहायक हो रहे हैं।
(मानसिनि जिउआव गेलेनाय-रंजानायनि गोनांथि दं। गेलेनाया ब्यामनि बयनिख्रुइ साबसिन राहा। जायफोर हौवासाफोरा गुबुन ख़ामानियाव गोसो होआ, बिसोरो गेलेनाय-रंजानायाव बांसिन गोसो होयो। गेलेब्ला सिन्थाया गोजान जायो, थुलुंगाया बारायो आरो गोसो-देहा मोननैबो गोजोनै थायो। बेनि दारै देहायाव रंजानाय फैयो आरो खामानि मावनो हानायनि गोहोआं बारायो। गोबांहांनो एरैबादि गुन दं, जायफोरा गेलेनायाव बाहागो लायोब्ला गावबा-गावनो फैयो। नेम खान्थि मानिनाय, हेफाजाब होलायनायफोरानो बिब्दि गुन। आथिखालाव साख्रियाव मोजां गेलेग्राखौ सिगांग्रो जायगा होनाय जायो। गेलेनायनि गेजेरजों हादरफोरनि गेजेराव मोजां सोमोन्दो जालायनो हमदों, बेयो हादरफोरखौ गंसेखौ गुबुन गंसेनि खाथियाव लाना थांनायाव हेफाजाब होयो।
उत्तर: शीर्षक: खेल-कूद का महत्व
मानव जीवन में खेलकूद का महत्वपूर्ण स्थान है। खेल व्यायाम का सबसे अच्छा साधन है। खेलने से शरीर के सब अंगो का विकाश होता है। खेलों द्वारा राष्ट्रो को एक दुसरे के निकट लाने में सहायक हो रहे हैं।
(सुबुं जिउआव गेलेनाय-रंजानायनि गोनांथि दं। गेलेनाया ब्यामनि साबसिन साधन (राहा)। गेलेनायनि गेजेरजों देहानि गासै अगंआ गेवलांसारो। गेलेनायनि गेजेरजों गंसे हादरखौ गुबुन गंसे हादरनि खाथियाव लांनायाव हेफाजाब जायो।)
परियोजना
सफेद हाथी के लिए ईरान तथा एक सींग वाले गैंडे के लिए असम प्रसिद्ध है। इसी तरह राजस्थान उँट के लिए प्रसिद्ध है। तुमलोग ऐसे और दो राज्यों के नाम लिखो जो विशिष्ट जानवरों के लिए प्रसिद्ध हैं।
(गुफुर मैदेरनि थाखाय इरान आरो थसे गंथानाय गान्दानि थाखाय आसामा मुंदांखा। बेबादिनो राजस्थाना उटनि थाखाय मुंदांखा। नोंसोर एरैबायदि आरो गंनै राज्योनि मुं लिर, जाय गंनैया गोनां जुनारनि थाखाय मुंदांखा।)
उत्तर: गुजराट के गीर हाबि सिंह के लिए तथा अफ्रिका दो सींग मैडे के लिए प्रसिद्ध है।
(गुजराटनि गीर हाग्रामाया सिंहनि थाखाय आरो आफ्रिकाया थनै गं थानाय गान्दानि थाखाय मुंदांखा।)
2. नीचे पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ दिये गये है। पाठ से लिए गए शेष शब्दों के अर्थ शब्दकोश की मदद से खुद खोजकर लिखो:
पड़ोस = किसी स्थान के आस-पास का स्थान
(बबेबा गंसे जायगानि साखाथि-फाखाथि थानाय जायगा)
हिफाजत = रखवाली (लाखिना दोननाय, जोथोनाव थानाय)
शाह = बादशाह, महाराज (सम्राट, महाराजा)
डॉट = बिगड़कर कही हुई बात (रागा जाना बुंनाय बाथ्रा)
धूप = सूरज की कीरण (साननि रोदा, स्रां रोदा)
डंडा = लाठि (लावथि)
दर्द = यातना, वेदना (दुखु, सानाय)
रेंकना = गधे की बोल (गाद ‘नि माथो)
सजा = डंड (साजा)
कीमत = मूल्य, दाम (दाम, बेसेन)
ग्राहक = सामान खरीद ने वाला (मुवा बायग्रा मानसि, ग्राहक)
समस्या = मुसीबत (जेंना)
नुकसान = हानि, क्षति (खहा)
शरारत = दृष्टता (दुस्टामि, बायगर)
उपयुक्त = योग्य (उदायनाय, थि रोखोमनि जानाय)
योजना = आचनि (बिथांखि)
टब = मिट्टी से बना हुआ पात्र (हानि आइजें-आइला)
कमजोर = दुबला (लोरबां)
मजबूत = मोटा (सख्ल’-बख्ल’)
तरकीब = तरीका, बुद्धि (राहा, सोलो)
हकदार = दाबिदार (दाबि खालामग्रा)
शाबाशी = धन्यबाद (साबायखर)।
Chapter No. | CONTENTS |
खोन्दो – 1 | भारता जोंनि जिवनिख्रुइ आंगो |
खोन्दो – 2 | कास्मीरनि आपेल |
खोन्दो – 3 | मेडम मेरी क्युरी |
खोन्दो – 4 | हारव’ रनि सेराव खुवा दं |
खोन्दो – 5 | बिनो दा बुं |
खोन्दो – 6 | भारतआरी देंखोनि मोनसे |
खोन्दो – 7 | गिबि थोबथिं / थरथिं |
खोन्दो – 8 | भारत नायदिनाय |
खोन्दो – 9 | जेरै खामानि एरै फिथाइ |
खोन्दो – 10 | गोकुल लीला |
खोन्दो – 11 | भारतनि रावारि खौसेथि |
खोन्दो – 12 | बानाननि मोगामोगि |
खोन्दो – 13 | आंनि गोदान उन्दै सम |
खोन्दो – 14 | आं गोख्रों बुरलुंबुथुर |