SEBA Class 10 Hindi In Bodo Chapter 12 मृत्तिका

SEBA Class 10 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 12 मृत्तिका | Class 10 Hindi Question Answer in Bodo As Per New Syllabus to each Chapter is provided in the list of SCERT, NCERT, SEBA मृत्तिका Class 10 Hindi Chapter 12 Question Answer/Class 10 Hindi Chapter 12 Question Answer दिए गए हैं ताकि आप आसानी से विभिन्न अध्यायों के माध्यम से खोज कर सकें और जरूरतों का चयन कर सकें Notes of SEBA Class 10 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 12 Question Answer. Class 10 Hindi Question Answer Chapter 12 in Bodo. SEBA Class 10 Hindi Question Answer In Bodo Medium Chapter 12 covers all the exercise questions in NCERT, SCERT.

Join us Now

Class 10 Hindi Chapter 12 मृत्तिका

SEBA Class 10 Hindi Notes Chapter 12 In Bodo मृत्तिका। Hindi Guide for Class 10th Chapter 12. Also Same NCERT Solutions for Class 10 Hindi इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की Class 10 Hindi Question Answer Chapter 12 in Bodo. अगर आप एक सात्र या शिक्षाक हो बोडो मीडियम की, तो आपके लिए ये Notes for Class 10 Hindi In Bodo Medium बोहत लाभदायक हो सकता है। Ncert/Scert Hindi Class 10 Chapter 12 मे आप अपना ध्यान लगाके पढ़ कर इस SEBA Class 10 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 12 में अछि Mark ला सकते हो अपनी आनेवाली परीक्षा में।

खोन्दो 12 नींव की ईंट

Chapter 12 बिथानि इथा

गद्य खंड

अभ्यासमाला

बोध एवं विचार (बिजिरनाय:)

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दो:

(गाहायाव होनाय सोंलुफोरनि फिन्नायखौ लारिसे एबा लारिनै रावाव हो)

1. रौंदे जाने और जोते जाने पर भी मिट्टी किस रूप में बदल जाती है?

(गाफ्लेजानानै आरो हेवखुब जानानैबो बैसोमुथि हाया माबे महराव महररूायो?)

उत्तर: मिट्टी रौंदे और जोते जाने पर भी मातृरूंपा हो जाती है। वह अपने पुत्रों को धन-धान्य से भर देती है।

2. मिट्टी के मातृरूपा होने का क्या आशय है?

(बैसोमुथि हाया बिमा महर लानायनि ओंथिया मा?)

उत्तर: मिट्टी के मातृरूपा होने का आशाय है – वह मनुष्य को धन-धान्य देकर उसका पालन-पोषण करती है।

3. जब मनुष्य उद्यमशील रहकर अपने अहंकार को पराजित करता है, तो मिट्टी उसके लिए क्या बन जाती है?

(जेब्ला सुबुङा मावथि जानानै थानानै गावनि गाज्रि सान्नायफोरखौ दबथायना फेजेन्नो हायो अब्ला बैसोमुथि हाया बिसोरनि थाखै मा महर लायो)

उत्तर: तब मिट्टी उसके लिए चिन्मयी शक्ति बन जाती है। वह उसकी आराध्या बन जाती है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो।

(गाहायाव होनाय सोंलुफोरनि फिन्नाय लिर।)

1. मृत्तिका कवि ता में पुरुषार्थी मनुष्य के हाथों आकार पाती मिट्टी के किन-किन स्वरूपों का उल्लेख किया गया है? 

(“मृतिका” खन्थाइयाव बैसोमुथि हाया गोब्राब सहायलु खामानि मावग्रा सुबुंफोरनो मा मा दाथाय महरजों बानजायनाय लाबोयो होन्नानै मुख ‘नाय दङ?) 

उत्तर: मृत्तिका कविता में कवि ने मिट्टी के माँ, प्रिया, शिशु और देवी (दैव) रूपों का उल्लेख किया है। माँ के रूप में वह मनुष्य को धन-धान्य देती है, प्रिया के रुप में सुंदर कलश और जल देती है, शिशु के रुप में खिलौने देती है और देवी के रूप में प्रतिभा बनकर बल प्रदान करती है।

2. मिट्टी के किस रूप को प्रिया रूप माना है? क्यों? 

(बैसोमुथिनि माबे महरखौ अनजालिनि महर होन्नानै बुंदों आरो मानो बुंदों?)

उत्तर: मिट्टी का कुंभ और कलश रुप प्रिया रूप है। क्योंकि इस रूप में मिट्टी मानव को अपने सुंदर ढलवाँ रूप से तथा मीठे जल से तृप्त करती है। इस प्रकार वह बाहर-भीतर से रसवती बनकर आती है।

3. मिट्टी प्रजारूपा कैसे हो जाती है? 

(बैसोमुथि हाया मात्रै आंगो खुदिया फिसानि महर लायो?)

उत्तर: जब बच्चे खिलौनों के लिए मचलते हैं तो मानव अपने परिश्रम द्वारा मिट्टी को नए-नए खिलौनों का रूप दे देता है। इससे बच्चे प्रसन्न हो जाते हैं। इस प्रकार मिट्टी प्रजारूपा हो जाती है।

4. पुरुषार्थ को सबसे बड़ा देवत्व क्यों कहा गया है? 

(गोब्राब खामानि मावनायखौ बयनिखुयबो देरसिन इसोरखौ मोन्थाव खामानि होन्नानै मानो बुदों?)

उत्तर: पुरुषार्थ को सबसे बड़ा देवत्व कहा गया है क्योंकि उसी के प्रयत्न से मिट्टी अनेक रूपों में ढलती है। यदि मिट्टी पर प्रयत्न न किया जाए तो उसमें से कोई भी रूप नहीं बन सकता।

5. मिट्टी और मनुष्य में तुम किसकी भूमिका को अधिक महत्वपूर्ण मानते है और क्यों? 

(बैसोमुथि आरो सुबुं माहारि बे मोन्नैनि माबेखौ नों गोनांथिसिन होन्नानै सानो आरो मानो सानो?)

उत्तर: मैं मिट्टी और मनुष्य में मनुष्य की भूमिका को अधिक महत्वपूर्ण मानता हूँ, क्योंकि मिट्टी में उर्वरा शक्ति है, किन्तु मानवीय श्रम के बिना वह सोई पड़ी रहती है। उससे कोई लाभ नहीं होता।

6. भाव स्पष्ट करो 

(ओंथि बेखेवना लिर:)

(क) पर जब भी तुम

अपने पुरुषार्थ- पराजित स्वत्व से मुझे पुकारते हो 

तब मैं –

अपने ग्राम्य के साथ चिन्मयी शक्ति हो जाती हूँ। 

(नाथाय जेब्ला नों

नोंनि फालांगि फसंथानजों गाज्रि सान्नायफोरखौ नागारना निंहरो 

अब्ला आं-

आंगोनि गामियारिफोरजों इसोरनि गोहो लानानै थाफायो।)

उत्तर: भाव यह है कि मिट्टी में असीम शक्तियाँ सोई पड़ी हैं। जब भी मनुष्य परास्त होने पर, या अहं भाव त्यागने पर उसकी शरण में जाता है, तब मिट्टी उसे अवश्य सहारा देती है। आवश्यकता पड़ने पर मिट्टी उसके लिए शक्ति का अवतार धारण करती है। 

(ख) यह सबसे बड़ा देवत्व है, 

कि तुम पुरुषार्थ करते मनुष्य हो

और मैं स्वरूप पाती मृत्तिका।

(बेयो देरसिन इसोरखौ मोनफुंनाय खामानि दि 

नों सुबुझ गोब्राब खामानि मावो

आरो आं दाथाय महर लाग्रा बैसोमुथि।)

उत्तर: मनुष्य का सबसे बड़ा देवत्व यह है कि वह अपनी इच्छा से प्रेरित होकर पुरुषार्थ करता है। यही पुरुषार्थ ही देवत्व है। इसके होने पर मिट्टी स्वयं को अनेक रूपों में ढाल लेती है। अर्थात मनुष्य के पुरुषार्थ से सृष्टि में अनेक सुख-साधन बन जाते हैं।

SEBA Class 10 Hindi In Bodo

Chapter No.CONTENTS
Chapter – 1नींव की ईंट (बिथानि इथा)
Chapter 2छोटा जादूगर
Chapter – 3नीलकंठ
Chapter – 4भोलाराम का जीव
Chapter – 5सड़क की बात
Chapter – 6चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
Chapter – 7साखी
Chapter – 8पद-त्रय
Chapter – 9जो बीत गयी
Chapter – 10कलम और तलवार
Chapter – 11कायर मत बन
Chapter – 12मृत्तिका

Notes of Class 10 Hindi in Bodo Medium | Bodomedium Class 10 Hindi notes इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की Bodo Medium Class 10 Hindi Question answer | SEBA Class 10 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 12 अगर आप एक bodo सात्र या शिक्षाक हो तो आपके लिए लावदयक हो सकता है।

Note- यदि आपको इस Chapter मे कुछ भी गलतीया मिले तो हामे बताये या खुद सुधार कर पढे धन्यवाद

Leave a Reply

error: Content is protected !!
Scroll to Top