SEBA Class 7 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 6 चाय : असम की एक पहचान

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Class 7 Hindi Chapter 6 चाय : असम की एक पहचान

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खोन्दो 6 चाय : असम की एक पहचान

फरा 6 चाहा : आसामनि मोनसे सिनायथि

अभ्यास माला (सोंथि बिदां)

1. पूर्ण वाक्य में जवाब दो: (आबुं सोदोबजों फिननाय हो)

(क) चाय की खेती की शूरुवात सबसे पहले कहाँ हुई थी? (साहा आबादनि मावजेननाया बयनिख्रुइ सिगां बबाव जादोंमोन?)

उत्तर: चाय की खेती की शुरुवात सबसे पहले चीन में हुई थी।

(ख) सिंगफौ लोग चाय को किस नाम से जानते थे? (सिंगफौ मानसिफोरा साहाखौ मा मुङै मिथियोमोन?)

उत्तर: सिंगफौ लोग चाय को ‘फिनाप’ अथवा ‘फालाप’ नाम से जानते थे।

(ग) असम में चाय की खोज सबसे पहले किसने की? (आसामा सोर बयनिख्रुइबो सिगांसिन साहाखौ नायसंदोंमोन?)

उत्तर: असम में सबसे पहले चाय की खोज राँबर्ट ब्रुस साहाब ने की।

(घ) असम के प्रथम चाय कृषक कौन थे? (आसामनि गिबिसिन साहा आबादगिरिया सोरमोन?)

उत्तर: मणिराम देवान असम के प्रथम चाय कृषक थे।

2. रेखा खींस कर मिलाओ: (हांखो बोनानै गोरोब होः)

(क) उछल पड़नाआरंभ करना
(ख) श्रीगणेश करनाकूद पड़ना
(ग) हाथ बँटानामग्न बो दाना
(घ) खो जानामदद गरना

उत्तर: 

(क) उछल पड़नाकूद पड़ना 
(ख) श्रीगणेश करनाआरंभ करना
(ग) हाथ बँटानामदद गरना 
(घ) खो जानामग्न बो दाना

3. संक्षेप में उत्तर दोः (सुंथाबै फिननाय होः)

(क) हरी-हरी पत्तियों से चाय कैसे बनती है? (गोथां गोथां बिलाइफोरनिफ्राय बोरै साहा जायो?)

उत्तर: सबसे पहले चाय वगीचों से कोमल पत्तियाँ को तोड़ कर लाई जाती है। इसके बाद सी. टी. सी. मशीन पर दिया जाता है। इस तरह मशीन से कई प्रकार की चाय निकली जाती है। 

(ख) लोग चाय क्यों पीते है? (मानसिफोरा मानो साहाखौ लोङो?)

उत्तर: लोग शरीर और मन में ताजगी लाने के लिए चाय पीते हैं। इसके साथ-साथ और भी कोई कारण हैं, जिनके कारण लोग चाय पीते है। वैज्ञानिकों के अनुसार रोज चाय पीने से फेफडों के रोग, कैंसर, हैजा, टाइफाइड आदि रोग होने की संभावना कम होती है।

(ग) पीने के लिए चाय कैसे तैयार की जाती है? (लोंनो थाखाय साहाखौ बोरै फुदुंनाय जायो?)

उत्तर: चाय बनने के लिए लोगों का अलग-अलग तरिकाएँ है। चाय पीने के लिए कुछ लोगोंने पहले पानी उबाल करने के बाद चीनी, चाय पत्ती, दूध डालकर चाय तैयार की जाती है, और कुछ लोगों ने दूध के साथ चीनी, चाय पत्ती डालकर चाय तैयार की जाती है।

(घ) भारत वर्ष में किन-किन राज्यों में चाय के बगीचे हैं? (भारत हादरनि मावे-माबे राज्योफोराव साहानि बागिसा दं?)

उत्तर: भारत वर्ष के असम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तामिलनाडु, कर्नाटक, करेल आदि राज्यों में चाय के बगीचे हैं।

पाठ के आस-पास (फरानि आलोम लानानै सोंथि)

1. चाय बगीचे के लोगों में कौन कौन सी जातियाँ एवं जनजातियाँ हैं? उनकी भाषाएँ क्या क्या हैं? (साहा बागाननि मानसिफोरा मा-मा माहारिनि एवा मा थागिरि हारिनि? बिसोरनि रावफोरा मा मा?)

उत्तर: चाय वगीचे के लोगों में अनेक जातियाँ एवं जनजातियाँ हैं। ये है आदिवासी, सिंगफौ, आहोम। उनकी भाषाएँ हैं- सावतालि, सिंगफौ, असमीया, उरीया आदि।

2. झुमुर नृत्य के साथ गाए जाने वाले कोई गीत हैं। उनमें से पाँच गीतों का संग्रह करके मिलकर गाओ। (झुमुर मोसानायजों लोगोसे खनग्रा खाइसे मेथाइफोर दं। बेफोरनिफ्राय दोंबा मेथाइफोरखौ बुथुमनानै जयै रोजाब।)

उत्तर: अपने-अपने करो।

3. “चाय असम की एक पहचान है” विषयक पर एक लेख प्रस्तुत करो। (“साहाया आसामनि मोनसे सिनायथि” बे आयदानि सायाव मोनसे लिरसुंथाइ लिर।)

उत्तर: असम भारत के पूर्वी दिशा में स्थित एक छोटीसी प्राकृतिक धनों से भरा भरपूर राज्य है। इस राज्य में चाय के बगीचे बहुत हैं। इन चाय बगीचे में पत्ते तोड़ने का काम ज्यादातर महिलाएँ करती है। इसके बाद पत्तों को सी. टी. सी. मशीनपर दिया जाता है। इस तरह मशीन से कोई तरह की चाय निकली जाती है।

असम में 1823 में ईष्ट इंडिया कंपनी के एजेंट मेजर ब्रुस साहब को सिंगफौ के राजा ने चाय के दो पौधे भेंट किये थे। इसके बाद, रॉबर्ट ब्रुस साहबने असम में चाय की खौज की। इस काम में असम के प्रथम चाय कृषक मणिराम देवान ने भी उनकी मदद की थी। असम में वर्तमान लगभग ढाई हजार से भी ज्यादा चाय के वगीचे हैं।

आज असम की चाय की विश्व बाजार में एक अलग पहचान है। कहा जाता है कि चाय की कारण ही अंग्रेजों ने असम में पहलीबार 1885 ईं मे रेलगाड़ी चलाने की व्यवस्था की थी। असम के अलावा भारतवर्ष के वंगाल, उत्तर प्रदेश, तामिलनाडू, कर्नाटक, करेल आदि राज्यों में भी चाय की खेती शुरुआत की। लेकिन असम की चाय एक अलग पहचान है। क्योंकि यहाँ की मिट्टी चाय की खेती के लिए बहुत उपयोगी है। इसीलिए 1839 ईं-में ईष्ट इंडिया कंपनी ने ही पहली बार असम में चाय की खेती की शुरुआत की।

4. असम से चाय का निर्यात किया जाता है। इस के अलावा असम से और कोई चीजों का निर्यात किया जाता है। उन में से किन्हीं तीन चीजों के नाम का उल्लेख करते हुए उनके बारे में संक्षेप में लिखो। (आसामनिफ्राय साहा बिलाइखौ गुबुन हादरसिम दैथाय हरनाय जायो। बेनि अनगायैबो आसामनिफ्राय गोबां मुवाफोरखौ दथाय हरनाय जायो। बेफोरनि गेजेरनिफ्राय जायखिजाया मोनथाम मुवानि मुं मखनानै बेफोर मुवानि बागै सुंथाबै लिर।)

उत्तर: असम से निर्यात किया जाता चीजों के नाम है- कयला, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, डीजल, केरसिन, सीमंट इत्यादि।

नीचे तीन चीजों के नाम उल्लेख करते हुए उनके बारे में संक्षेप में लिखा गया है।

(अ) कोयला: असम का कोयला भारत से अन्य राज्यों में निर्यात किया जाता है। इस का व्यवहार रसोईका चुल्हा, होटल, विजली की मशीन, रेलगाड़ी और विभिन्न मशीनों में इनका प्रयोग हो रही है। कोयला को मेघालय, मार्षेरिता, लिड्डु आदि जगह पर मिलता है।

(आ) पेट्रोल: कोयला की तरह असम के पेट्रोल को भी भारत के अन्य राज्यों में निर्यात किया जाता है। इनका व्यवहार विभिन्न मटर- गाड़ी, बाईक आदि में होता है।

(इ) डीजल: असम में उतपन्न हुई डीजल भारत के अनेक राज्यों में निर्यात हो रही है। क्योंकि आजकल वाहनों के बिना आदमी एक कदम भी आगे बढ़ नहीं सकता है। डीजल की व्यवहार बर्तमान युग में सौ प्रतिशद बढ़ती है। इसलिए इस की कीमत भी दिन व दिन बढ़ती जा रही है।

5. झुमुर के अलावा वगीचों में और क्या क्या त्योहार मनाए जाते हैं, बताओ। (झुमुरनि अंनगायैबो साहा बागानफोराव आरोबाव मा मा फोरबोफोर फालिनाय जायो, फोरमाय।)

उत्तर: झुमुर के अलावा चाय बगीचों में और अनेक त्योहार मनाएँ जाते हैं। जैसे- दमकच, हलि, दुर्गापूजा, बिहु आदि।

6. सोचकर लिखो: (सानै-हयै लिरः)

(अ) अगर धूप न हो तो क्या होगा? (जुदि सोरां थाया, अब्ला मा जागोन?)

उत्तर: अगर धूप न हो तो दुनिया में अंधेरा छा जायेगा और इस अंधेरा के कारण कोई जीवों जिन्दा या सृजन नहीं हो पायेगा।

(आ) अगर हवा न हो तो क्या होगा? (जुदि बार थाया, अब्ला मा जागोन?)

उत्तर: अगर हवा न हो तो दुनिया के सभी जीवों की मृत्यु होगी और दुनिया मरुभुमि की तरह होगी।

(इ) अगर पेड़-पौधे न हो तो क्या होगा? (जुदि बिफां लाइफां थाया, अब्ला मा जागोन?)

उत्तर: अगर पेड़-पौधे न हो तो कोई जीवों अक्सिजेन न मिलेगा और जीवों का मृत्यु अनिवार्य होगा।

7. टिप्पणियाँ लिखो: (लिरसुंथाइ लिरः)

(क) झुमुर।

उत्तर: झुमुर: झुमुर नृत्य प्रम्परागत रुप से चाय बगीचे के लोगों के वीच में होते हैं। यह नृत्य को ‘परम सूजा’ में पालन किया जाता है। इस पूजा को भादो महीने के एकादशी तिथि में पालन किया जाता है। झुमुर नृत्य प्रदर्शन करने के पहले सात से लेकर ग्यारह कुमारी लड़कियाँ ने व्रत पालन करती है। इसके बाद परम पूजा के दिन नृत्य प्रदर्शन करके व्रद को तोड़ देती है। इस पूजा में लड़कियों के साथ एक गायक, एक ढल बादक और एक सहयोगी के साथ रहते है। लड़कियों ने सफेद रंग की शारियाँ, हाथ में बाजु, गले में हार, आदि पहनती है और वाद्य-यंत्र के साथ साथ झुमुर नृत्य करते है। इस नृत्य के द्वारा सभी लोगों ने भगवान को प्रार्थना कर भगवान से आशीर्वाद माँगते है।

(ख) बिहु।

उत्तर: बिहु: बिहु असम का एक जातीय उस्यव है। हर असमीया इसे बड़े धुम-धाम और आनन्द से मनाते है। बिहु तीन प्रकार के होते हैं। ये हैं- (1) कंगाली बिहु, (2) भोगाली बिहु और (3) रंगाली बिहु। कंगाली बिहु को आशिन और कार्तिक महीने में, भोगाली बिहु को पौष और माघ महीने मनाया जाता है। रंगाली बिहु को चैत महीने के आखरी तारिख से शुरुआत कर बैशाग महीने के सातवीं तारिक तक मनाया जाता है। रंगारी बिहु इन तीनों में से सर्वश्रष्ठ है।

(ग) बागरुम्बा।

उत्तर: बागुरुम्बा: बागुरुम्बा बड़ो जाति के एक प्रचलित नृत्य कला है। असमीया जाति का बिहु नृत्य जिस तरह सबका प्रिय है, उसी तरह बड़ो जाति का भी बागुरुम्बा नृत्य अति प्रिय है। इस नृत्य में युवतियों नें दखना, आरनाय, रंग-बिरंगे गमछे, हाथ में गामखारु तथा आसान आदि पहन कर नृत्य प्रदर्शन करती है। नृत्य के समय युवकों ने वांसुरी, मृदांग, जाबखिं आदि वाद्य-यंत्र को बज़ाते है।

8. निम्नलिखित अवतरण को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर दोः (गाहायाव होनाय बाथ्रा खोन्दोखौ फरायनानै गाहायाव होनाय सोंलुफोरनि फिननाय हो:)

भारत सरकार द्वारा मोर को राष्ट्रीय पक्षी की मान्यता प्रदान किया जाता भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के अनुकूल ही है। रंग- बिरंगी यह पक्षी हमारे राष्ट्रीय जीवन की विविधता के सर्वथा उपयुक्त भी है। इस पक्षी की देखभाल, पालन-पोषण तथा इसकी नस्ल को कायम रखाना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है। यदि कोई व्यक्ति इस पक्षी के प्रति निर्दयता का व्यवहार करता दिखाई दे तो हर भारतीय का यह धर्म है कि व उसे एसा करने से रोके। राष्ट्रीय पक्षी होने के नाते इस पक्षी को अधिक सम्मान एवं आदर प्रदान करना चाहिए और हर प्रकार से इसकी सुरक्षा का पयत्न करना चाहिए। अव यह करोड़ों भारतीय आकांक्षाओं, भावनाओं एवं सदिच्छाओं का प्रतीक बन गया है।

(क) उपर्युक्त गद्यांश का एक उचित शीर्षक दोः (गोजौआव होनाय बाथ्रा खोन्दोनि मोनसे थार गोरोबथाव बिमुं हो।)

उत्तर: अहिंसा ही परम धर्म है।

(ख) हमारा राष्ट्रीय पक्षी क्या है? (जोंनि माहारियारि दाउआ मा?)

उत्तर: हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर है।

(ग) राष्ट्रीय पक्षी के प्रति भारतीय नागरिक का क्या कर्तव्य है? (माहारियारि दाउनि फारसे भारतारि नोगोरारिफोरनि मावनो गोना खामानिया मा?)

उत्तर: राष्ट्रीय पक्षी के प्रति भारतीय नागरिक का कर्तव्य यह होना चाहिए कि इस पक्षी को अधिक सम्मान एवं आदर करना और हर प्रकार से इसकी सुरक्षा का प्रयत्न करना।

(घ) हर भारतीय का क्या धर्म है? (साफ्रोम भारतीयफोरनि मावनो गोनां धोरोमा मा?)

उत्तर: हर भारतीय का धर्म है- सभी प्राणीयों को प्यार करना।

भाषा-अध्यन (राव-सोलोंनाय)

1. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखो: (मोनसे सोदोबजों फिननाय हो:)

(क) जो खेत में काम करता है (जाय आबाद मावो:)

उत्तर: किसान।

(ख) चार राहों का संगम स्थल (दोंब्रै लामाया नांजाब फैनाय जायगा:)

उत्तर: चौराहा।

(ग) जिसे देखा न जा सकें (जायखौ नुनाय जाया:)

उत्तर: अदृश्य।

(घ) जिसे पीया जा सकें (जायखौ लोंनाय जायो:)

उत्तर: पेय।

परियोजना (सानखांथि)

1. असम के किन्ही दस बगीचे चुन लो और ये किन जिलों में स्थित हैं – इस पर एक व्योरा पस्तुत करो। (आसामनि जायखिजाया गंजि साहा बागान सायखना ला आरो बेफोर मा मा जिलायाव दं, बेनि मोनसे फारिलाइ बानाय)

उत्तर:

चाय बगीचे का नामजिले का नाम
(क) डुमानि चाय बगीचाबाक्सा
(ख) मेनका चाय बगीयाबाक्सा
(ग) डिमाकुचि चाय बगीचादरं
(घ) कमचांग चाय बगीचातीनचुकीया
(ङ) फिलबारी चाय बगीचातीनचुकीया
(च) भानखोवा चाय बगीचातीनचुकीया
(छ) शिमलागुरी चाय बगीचातीनचुकीया
(ज) बड़ आपजान जाय बगीचातीनचुकीया
(झ) तालाब चाय बगीचातीनचुकीया
(ञ) बड़डूबि चाय बगीचातीनचुकीया

2. चाय बगीचे के आधार पर निर्मित किसी एक असमीया फिल्म को ध्यान में रखकर नीचे दिए गए तथ्यों की जानकारी प्रस्तुत करोः (साहा बागाननि जाथाइजों लोब्बा लानानै बानायनाय जायखि- जाया मोनसे असमीया साया-सावगारिखौ गोसोखांनानै गाहायाव होनाय तथ्यफोरखौ होः)

(क) फिल्म का नाम (साया सावगारिनि मुं)

उत्तर: फिल्म का नाम – चामेली मेम साहब।

(ख) संगीतकार का नाम (मेथाइगिरिनि मुं)

उत्तर: संगीतकार का नाम – डॉ: भुपेन हाजरिका।

(ग) निर्देशक का नाम (दिथा होगिरिनि मुं)

उत्तर: निर्देशक का नाम – डॉः भुपेन हांजरिका।

(घ) काहानीकार का नाम (सलगिरिनि मुं)

उत्तर: कहानीकार का नाम – बिनोद चौधुरी।

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Note- यदि आपको इस Chapter मे कुछ भी गलतीया मिले तो हामे बताये या खुद सुधार कर पढे धन्यवाद

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