SEBA Class 7 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 15 तुम कब जाओगे, अतिथि | नों माब्ला थांगोन, आलासि | Class 7 Hindi Question Answer in Bodo As Per New Syllabus to each Chapter is provided in the list of SCERT, NCERT, SEBA हार की जीत Class 7 Hindi Chapter 15 Question Answer/Class 7 Hindi पल्लव भाग 2 Chapter 15 Question Answer दिए गए हैं ताकि आप आसानी से विभिन्न अध्यायों के माध्यम से खोज कर सकें और जरूरतों का चयन कर सकें Notes of SEBA Class 7 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 15 Question Answer. Class 7 Hindi Question Answer Chapter 15 in Bodo. SEBA Class 7 Hindi Question Answer In Bodo Medium Chapter 15 covers all the exercise questions in NCERT, SCERT.
Class 7 Hindi Chapter 15 तुम कब जाओगे, अतिथि
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खोन्दो 15 तुम कब जाओगे, अतिथि
फरा 15 नों माब्ला थांगोन, आलासि
अभ्यास माला (सोंथि बिदां)
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दोः (गाहायाव होनाय सोंलुफोरनि फिननायखौ आबुं रावजों हो:)
(क) लेखक अतिथि को दिखाकर कैलेडर की तारीखें क्यों बदल रहे थे? (लिरगिरिआ आलासिखौ दिन्थिना केलेन्दारनि खालारखौ मानो सोलाय गासिनो दंमोन?)
उत्तर: लेखक जी ने अतिथि की उपस्थिति के कारण कैलेंडर की तारीख बदल रहे थे।
(ख) लेखक तथा उनकी पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे लिया था? (लिरगिरि आरो बिनि बिजिआ आलासिखौ माबोरै बरायदोंमोन?)
उत्तर: लेखक ने एक स्नेह-भीगी मुस्कराहत के साथ उसे गले मिलाया था और उनकी पत्नी ने भी उसे सादर नमस्ते करके स्वागत किया था।
(ग) मेहमान के स्वागत में दोपहर के फोजन को कौन सी गरिमा प्रदान की गई थी? (आलासिखौ बरायनो सानजौफुनि जाहोनो थाखाय मानि सायाव गोनांथि होदोंमोन?)
उत्तर: मेहमान के स्वागत में दोपहर के भोजन को एक उच्च माध्यम ‘वर्ग में होने कारण गरिमा प्रदान की गई थी।
(घ) तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा? (थामथि सानखालि फुङाव आलासिआ मा बुंनाय?)
उत्तर: तीसरे दिन सुबह अतिथि ने धोबी को कपड़े देने को कहा।
(ङ) सत्कार की उष्मा समाप्त हो जाने पर क्या हुआ? ()
उत्तर: सत्कार की उष्मा समाप्त हो जाने पर अतिथि अपने विस्तर को गोलाकार रुप नहीं प्रदान करते तो लेखक ने उपवास तक जाना चाहता।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दो। (गाहायाव होनाय सोंलुफोरनि फिननायखौ सुंथाबै हो:)
(क) मेहमान के आते ही लेखक पर क्या प्रतिक्रिया हुई? (आलासि फैनाय लोगो लोगोनो लिरगिरिनि गोसोआ माबादि जादोंमोन?)
उत्तर: प्राचीन काल से हमारे देश में अतिथि को देवता समान माना जाता है। इसलिए यहाँ अतिथिदेवों भव की उक्ति लोकप्रिय रही। इसी संस्कार के कारण आज भी हमारे देश के लोग अतिथि सत्कार को बहुत महत्व देते है। इसके कारण लिखत ने मेहमान के आते ही एक स्नेह-भीगी मुस्कराहत के साथ उस से गले मिलाता है। और भोजन को एकाएक उच्च-मध्यम वर्ग में बदल देता है।
(ख) मेहमान के स्वागत में रात्रि-भोज को किस प्रकार गरिमापूर्ण बनाया गया था? (आलासिखौ बरायनो मोनानि जाहोनाय समाव माबादियै गोनांथि होनाय जादोंमोन?)
उत्तर: मेहमान के स्वागत में रात्रि को भोजन की लंच करके गरिमापूर्ण बनाया गया था। और इसके बाद सिनेमा भी देखा। यह उसे सत्कार का आखिरी छोर है।
(ग) लेख के लिए कौन-सा आघाट अप्रत्याशित था और क्यों? (लिरगिरिनि थाखाय माबादि आघाटआ आसा खालामथावैमोन आरो मानो?)
उत्तर: लेखक के लिए अतिथि सत्कार के सामर्थ समय तक ठहरते हैं। इसके फलस्वरुप गृहस्थ को अनेक कठिनाइओं का सामना करना ड़ता है। यह आघाट अप्रत्याशित था क्योंकि इसी संस्कार के कारण उसे फायदा उठाना चाहता है।
(घ) लेखक का सौहार्द बोरियत में क्यों बदल गया? (लिरगिरिनि गुरै गोसोआ मानो सोलायदोंमोन?)
उत्तर: लेखक का सौहार्द बोरियत में परिवर्तन लाने का प्रयत्न किया। कारण परिवार, बच्चे, नौकरी, रिस्तेदारी, दबादले पुराने दोस्त, परिवार नियोजन, फिल्म, राजनीति, महँगाई, साहित्य आदि को बोरियत में शनैः शनैः बोरियत में बदल गया।
(ङ) अतिथि कब देवता होता है और कब राक्षस हो जाता है? (आलासिआ माब्ला मोदाय आरो राक्षसबादि जायो?)
उत्तर: लेखक जी के अनुसार अतिथि सदैब देवता समान माना जाता है। इसी संस्कार के कारण वह हलका अंशपर राक्षस बन कर हमला कर देता है। इसके फलस्वरुप गृहस्थ को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
3. उत्तर दो: (फिननाय होः)
(क) लेखक ने अतिथि को बिदा लेने का संकेत किन-किन उपायों से दिया? (लिरगिरिआ आलासिखौ बिदाय होनायनि इसाराखौ मा मा राहाफोरजों होदों?)
उत्तर: लेखक जीने अतिथि को विदा लेने का संकेत उसकी देखाकर तारीखें बदलता, उच्च-माध्यम वर्ग के दोपहर के भोजन,’ उनके आखिर छोर, पत्नी की आँखे बड़ी बड़ी होना, उष्मा समाप्त होने के बाद अपने विस्तर को गोलाकार करना, उपवास रहना आदि उपायों से दिया।
(ख) अतिथि के अपेक्षा से अधिक रुक जाने पर लेखक के मन में क्या क्या प्रतिक्रियाँ हुई, उन्हें छाँटकर क्रम से लिखो। (आलासिखौ नेनानै गोबां सम बाग्लाय होनो गोनां जानायाव लिरगिरिनि गोसोआव मा सानखांनाय नुजाफैदोंमोन, बेखौ फारिनिफ्राय सायख’ ना फारियै लिर।)
उत्तर: लाखो मील लँबी-यात्रा के बाद वे दोनो एस्ट्रनॉटन भी इतनी समय याँदपर नहीं रुके थी, लेकिन तुम एक छोटी-सी यात्राकर मेरे घर आए है। तुम अपने भाटी चरण-कमलों की छाप मेरी सीमा पर अंकित कर चुके।
(ख) लेखक ने आखिर फोजन करने के बाद उसे स्टेशन तक छोड़ने जाते, लेकिन अतिथि उस समय, धोबी को कपड़े देने की चाहता है।
(ग) अतिथि के भरकम शरीर से सलवेट पड़ी चादर बदली जा चुकी । वह नहीं कर पाता है।
(घ) लिखक ने उपन्यास पड़ रहा है और अतिथि ने फिल्मी पत्रिका के पत्ते पलट रहते है।
(ङ) अगर बस चलता तो सभी लोग दूसरों के यहाँ रहते, पर ऐसा नहीं हो सकता।
(च) रात गुँजायमान करने के बाद कल जो किरण तुम्हारे बिस्तर पर आएगी वह तुम्हारे यहाँ आगमन के बाद पाँचवें सूर्य की परिचित किरण होगी।
पाठ के आस-पास (फरानिफ्राय सोंनायनि फिननाय)
1. घर में जब कोई अतिथि आता है तो अंतरंग क्षेत्रों में उससे कैसी बातें होती है? (नआव जेब्ला सोरबा-आलासि फैयोब्ला नखरनि मोजां गात्रि बाथ्रा सावरायनाय समाव बैसोरजों माबादि बाथ्रा सावरायनाय जादोंमोन?)
उत्तर: प्राचीन काल से हमारे देश में अतिथि को देवता समान माना जाता है। सिलिए हमारे समाज में आज भी अतिथि देवी भाव की उक्ति लोकप्रिय रही है। मेहमान घर में आने से पहले उनको स्वागत किया जाता है। इसके बाद चाय-नास्ता के साथ वार्तालाप भी होती है। दिन या रात के भोजन की सूवस्ता की जाती है। इसी तरह सभी लोगोंने मानवता बोध की भावनाओं को महत्व देता है।
योग्यता-विस्तार (रोंगथि गोसारनाय)
1. अपने घर के कामों की सूची बनाओ। उनको घर के कौन कौन से सदस्य करते हैं, उनके अनुरूप नीचे की तालिका में ✓ निशान लगाओ: (गावनि नखरनि खामानिफोरनि फारिलाइ बानाय। बिसोरनि नखरनि सोर सोर खामानि मावो, बिसोरनि मावनायखौ गाहायनि फारिलाइफोराव सिन हो)
काम | मैं | दादी | माँ | पिता | भाई | बहन | चाचा |
घर का सामान लाना | |||||||
घर की सफाई करना | |||||||
खाना पकाना |
उत्तर:
काम | मैं | दादी | माँ | पिता | भाई | बहन | चाचा |
घर का सामान लाना | ✓ | ✓ | ✓ | ✓ | |||
घर की सफाई करना | ✓ | ✓ | ✓ | ||||
खाना पकाना | ✓ |
भाषा-अध्ययन (राव सोलोंनाय)
1. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तन करोः (गाहायाव होनाय बाथ्राफोरखौ बिथोन बादियै साजाय)
(क) हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने जाएँगे। (नकारात्मक वाक्य)
उत्तर: हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने नहीं जाएँगे। (नकारात्मक वाक्य)
(ख) किसी लॉण्ड्री पर दे देते हैं, जल्दी धुल जाएँगे। (प्रश्नवाचक वाक्य)
उत्तर: क्या, किसी लॉण्ड्री पर दे देते हैं, जल्दी धुल जाएँगे?। (प्रश्नवाचक वाक्य)
(ग) देवता और मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते। (सकारात्मक वाक्य)
उत्तर: देवता और मनुष्य अधिक देर साथ रहते। (सकारात्मक वाक्य)
2. समझो और प्रयोग करो: (बुजिना ला आरो बाहाय)
(क) निम्नलिखित वाक्यों में ‘चुकना’ क्रिया का प्रयोग ध्यान से देखो: (गाहायाव होनाय बाथ्राफोराव ‘चुकना’ थाइजानि बाहायनायखौ गोसो होना नाय।)
(अ) तुम अपने भारी चरण-कमलों की छाप मेरी जमीन पर अंकित कर चुके।
(आ) तुम मेरी काफी मिट्टी खोद चुके।
(इ) हम तुम्हें आदर-सत्कार के उच्च बिंदु पर ले जा चुके थे।
(ई) शब्दों का लेन-देन मिट गया और चचर्चा के विषय चुक गए।
अब ‘पढ़ना’, ‘खेलना’, ‘खाना’, ‘देखना’ क्रियाओं के साथ ‘चुकना’ क्रिया का प्रयोग करके वाक्य बनाओ। (दानिया फरायनाय, जानाय, गेलेनाय, नायनाय थाइजाफोरजों लोगोसे चुकना थाइजाखौ बाहायनानै बाथ्रा दाः)
उत्तर:
(अ) पढ़ना: मैंने कल अखबार पढ़ चुका था।
(आ) खेलना: मेरे दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल चुका।
(इ) खाना: हम खाना खा चुके थे।
(ई) देखना: तुम अच्छी तरह से खेल देख चुकी हो।
Notes of Class 7 Hindi in Bodo Medium | Bodomedium Class 7 Hindi notes इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की Bodo Medium Class 7 Hindi Question answer | SEBA Class 7 Hindi Question Answer In Bodo Chapter 15 अगर आप एक bodo सात्र या शिक्षाक हो तो आपके लिए लावदयक हो सकता है।
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