SEBA Class 6 Hindi Chapter 12 in Bodo अभ्यास की महिमा

SEBA Class 6 Hindi Chapter 12 in Bodo अभ्यास की महिमा | हुदानि गोमोथाव खामानि | Class 6 पल्लव भाग – 1 Question Answer in Bodo As Per New Syllabus to each Chapter is provided in the list of SCERT, NCERT, SEBA अभ्यास की महिमा Class 6 Hindi Chapter 12 Question Answer/Class 6 Hindi Chapter 12 Question Answer दिए गए हैं ताकि आप आसानी से विभिन्न अध्यायों के माध्यम से खोज कर सकें और जरूरतों का चयन कर सकें Notes of SEBA Class 6 Pollob Bhag – 1 Question Answer In Bodo Chapter 12. Class 6 Hindi Solution Chapter 12. covers all the exercise questions in NCERT, SCERT.

Join us Now

Class 6 Hindi Chapter 12 अभ्यास की महिमा

SEBA Class 6 Hindi Notes Chapter 12 In Bodo अभ्यास की महिमा हुदानि गोमोथाव खामानि Hindi Guide for Class 6th Chapter 12 हुदानि गोमोथाव खामानि. Also Same NCERT Solutions for Class 6 Hindi इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की Class 6 Hindi Question Answer Chapter 12 in Bodo. अगर आप एक सात्र या शिक्षाक हो बोडो मीडियम की, तो आपके लिए ये Notes for Class 6 Pollob Bhag – 1 In Bodo Medium बोहत लाभदायक हो सकता है। Ncert/Scert Hindi Class 6 Chapter 12 मे आप अपना ध्यान लगाके पढ़ कर इस SEBA Class 6 Hindi Question Answer Chapter 12 में अछि Mark ला सकते हो अपनी आनेवाली परीक्षा में।

खोन्दो 12 अभ्यास की महिमा

पाठ 12 हुदानि गोमोथाव खामानि

अभ्यास माला (सोंथि फारि)

1. ‘अभ्यास की महिमा’ कहानी को पढ़ो, समझो और अपने ढंग से सुनाओ। (‘अभ्यास की महिमा’ सल’खौ फराय, बुजि आरो गावनि रावजों खोन्था)

उत्तरः

अभ्यास की महिमा

बोपदेव एक मंदबुद्धि बालक था। वह पढ़ने-लिखने में बहुत कमजोर था। गुरुजी बोपदेव को बहुत समझाते, लेकिन वह कुछ समझ न पाता। उन्होंने बोपदेव से कहा- ‘परिश्रम के बिना कोई भी जीवन में सफल नहीं हो सकता।’

गुरुजी की बात सुनकर बोपदेव अपने गाँव के लिए चल पड़ा। रास्ते में उसे प्यास लगी। वह पानी पीने के लिए एक कुएँ केपास गया। तभी बोपदेव का ध्यान कुएँ की जगत पर पड़ा। उस पर कई गट्टे थे। उसने पानी भरने वाली औरतो से पूछा- ‘ये गट्टे किसने बनाए है’? वह जवाव मिला कि ये गट्टे बार-बार घड़े रखने से अपने आप बन गए हैं।

बोपदेव सोच में पड़ गया – ‘जब मिट्टी के घड़े से पत्थर घिस सकता है, तो बार-बार अभ्यास करने से मुझे विद्या क्यों नही आ सकती?

बोपदेव की अभ्यास की महिमा समझ में आ गई। वह उसी समय पाठशाला लौट आया। आगे चलकर वही बालक संस्कृत का एक प्रसिद्ध विद्वान बना।

(बोपदेबा सासे खम सोलोंगोनां हौवासामोन। बियो लिरनाय- फरायनायाव जोबोद लोरबांमोन। फोरोंगुरुवा बोपदेबखौ गोबां बुजायदोंमोन, नाथाय बियो जेबो बुजि मोनाखैमोन। बिथाङा बोपदेबखौ बुङो – “खामानि (खस्थ) मावाबालानो रावबो जिवाव देरहानो हाया।”

(गुरुनि बाथ्रा खोनानानै बोपदेबा गावनि गामि फारसे रावना होयो। लामायाव बिहा दै गाङो। बियो दै लोंनो दैखर खाथियाव थाङो। अब्ला बोपदेबनि नोजोरा दैखरनि फाराव गोग्लैयो। बेयाव गोबां गाथा (गोथौ) दंमोन। बियो दै लांनो फैनाय हिनजावफोरखौ सोंनायसै – बे गाथाफोरखौ सोर बानायदों? बियो फिननाय मोनोदि बे गाथाफोरा गले गले दैहु दोननायनि जाउनाव गावनो गाव जादों। बोपोदेबहा जिंगायाव गोग्लैबाय। – “जेब्ला हानि दैहुवा अन्थाइखौ जामख ‘होनो हागौ, अब्ला गले गले सर’ खालामब्ला आंनि फरायनाया मानो जायाजानो?” बोपदेबा सर ‘नि गुमुरथिखौ बुजि मोनो। बे समावनो फरायसालियाव गिदिंना फैफिनो। उनाव बे हौवासाया संस्कृतआव सासे मुंदांखा लेखागोरों जायो।)

2. उत्तर दो: (फिन्नाय लिर:)

(क) बोपदेव कैसा लड़का था? (बपदेवआ माबोरै गथ ‘मोन?)

उत्तरः बोपदेव एक मंद बुद्धि लड़का था।

(बोपदेबा सासे खम सोलोनि हौवासामोन।)

(ख) बोपदेव के सहपाठी उसे क्या कहकर चिढ़ाते थे? (बपदेवनि लोगोफोरा बिखो मा होनना रायदोंमोन?) 

उत्तरः बोपदेव के सहपाठी उसे बुद्ध, मूर्ख कहकर चिढ़ाते थे।

(बोपदेबनि लोगोफोरा बिखौ जाम्बा, आदुवा बुंनानै जंखायदोंमोन।)

(ग) गुरुजी ने बोपदेव को कहाँ भेजने का निश्चय किया? (फोरोंगुरुआ बोपदेवखौ बहा दैथाय हरनो थिरांथा खालामदोंमोन?)

उत्तरः गुरुजी ने बोपदेव को उसके अपने गाँव भेजने का निश्चय किया।

(फोगोंगुरुवा बोपदेबखौ गावनि न’आव दैथायहरनो थिरांथा खालामदोंमोन।)

3. कहानी को पढ़कर उत्तर लिखो: (सल ‘खौ जारायनानै फिन्नाय लिर:)

(क) औरतें कुएँ पर क्या कर रही थी? (हिनजावफोरा खुङायाव मा खालामबायदोंमोन?)

उत्तर: औरतें कुएँ पर पानी भर रही थी।

(हिन्जावफोरा दैखराव दै खावबाय थादोंमोन।)

(ख) कुएँ की जगत पर गडढे कैसे बने थे? (खुङानि जायगायाव थाफाया माबोरै जानाय?)

उत्तरः कुएँ की जगत पर घड़े रखने तथा घड़े से घिस जाने के कारण गडढे बने थे।

(दैखरनि फाराव दैहु दोननाय आरो दैहुनि हुथ्रोदनायनि थाखाय गाथा (गोथौ) जादोंमोन।)

(ग) बोपदेव पाठशाला क्यों लौट आया? (बोपदेवआ फरायसालियाव मानो फैफिननाय?)

उत्तरः क्योंकि बोपदेव अभ्यास की महिमा को समझ में आ गई थी।

(मानोना बोपदेबा हुदानि गोमोथाव खामानिखौ बुजि मोनदोंमोन।)

(घ) बोपदेव बड़ा होकर क्या बना? (बोपदेवआ देरनानै मा जादोंमोन?)

उत्तर: बोपदेव बड़ा होकर संस्कृत का एक प्रसिद्ध विद्वान बना।

(बोपदेबा गेदेर जानानै संस्कृतआव सासे मुंदांखा पन्दित जादोंमोन।)

4. ‘अभ्यास की महिमा’ कहानी तुम्हें कैसी लगी? इससे तुम्हें कौन सी सीख मिलती। (‘अभ्यास की महिमा’ सल ‘खौ नों माबोरै मोनखौ? बिजों नों मा सोलोंखो?)

उत्तरः ‘अभ्यास की महिमा’ कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी है। इस कहानी से मुझे यह सीख मिलती है कि अभ्यास की महिमा अपार है। जिस प्रकार बार-बार मिट्टी के घड़े घिसने से पत्थर पर गडढे बने जाते हैं, उसी प्रकार हम कोई कठिन काम को बार-बार अभ्यास करने पर आसान बन जाते हैं।

(‘अभ्यास की महिमा’ सल’ खौ आं जोबोद मोजां-मोनदों। बे सल ‘निफ्राय आं बेखौनो सोलोंथाइ मोनबाय दि सर ‘नि मोहिमाया सिमा गैयै। जाबादियै गले गले हानि दोनि हुथ्रुदनायजों अन्थाइयाव गाथा जायो, बेबादिनो जों माबा गोरा खामानिखौ गले गले सर’ खालामब्ला गोरलै जायो।)

5. इसी तरह की कोई अन्य कहानी पढ़ो और उसे संक्षेप में अपने साथियों को सुनाओ। (बेबादिनो गुबुन सल’ फराय आरो बिखौ गुसुङै गावनि लोगोनो खोनासं हो।)

उत्तरः गावनो खालाम।

6. लिखो: (लिर)

(क) ‘ये किसने बनाए हैं?’

किसने कहा? ……….।

किससे कहा? ………..।

(बेफोरखौ सोर बानायदों? 

सोर बूंदों?

सोरखौ बुंदों?)

उत्तरः बोपदेव ने कहा है।

औरतो से कहा है।

(बोपदेबा बुंदोंमोन।

हिनजावखौ बुंदोंमोन।)

(ख) ‘ये गडढे हमने नहीं बनाए हैं?’

किसने कहा? ………..।

किससे कहा? ………।

(बे गाथाफोरखौ जों बानायाखै

सोर बुंदोंमोन?

सोरखौ बुंदोंमोन?)

उत्तरः एक औरत ने कहा।

बोपदेव से कहा।

(सासे हिनजावा बुंदोंमोन

बोपदेबखौ बुंदोंमोन।)

7. आओ पढ़े, दोहराएँ और लिखे: (फै, फराय, फरायफा आरो लिरनि:)

(क) द् + य = द्य  –  विद्या, गद्य, ……. ……

द् + ध = द्ध  –  बुद्धि, बुद्ध, ……. ……..

द् + व = द्व  –  विद्वान, द्वैव, ……… ………

उत्तरः द् + य = द्य – विद्या, गद्य, पद्य, वाद्य, विद्यालय।

दू + ध = द्ध – बुद्धि, बुद्ध, वुद्धिमान, बृद्ध, क्रद्ध।

द् + व= द्व – विद्वान, द्वैव, द्वार, द्विज।

(ख) क्षमा = क् + ष् + अ + म् + आ

कक्षा = ….. + ….. + ….. + ….. + …..

मित्र = म् + इ + त् + र् + अ

पत्र = ….. + ….. + ….. + ….. + ……

ज्ञान = ज् + अ + आ + न् + अ

यज्ञ = ….. + ….. + ….. + ….. + …..

परिश्रम = प् + अ + र् + इ + + श + र् + अ + म् + अ

विश्राम = ….. + ….. + ….. + ….. + ….. + ….. + ……

उत्तरः क्षमा = क् + ष् + अ + म् + आ

कक्षा = क् + अ + क् + ष् + आ

मित्र = म् + इ + त् + र् + अ

पत्र = प् + अ + त् + र् + अ

ज्ञान = ज् + अ् + आ + न् + अ

यज्ञ = य् + अ + ज् + ञ् + अ

परिश्रम = प् + अ + र् + इ + श् + र् + अ + म् + अ

विश्राम = व् + इ + श् + र् + आ + म् + अ

8. पढ़ो, समझो और लिखो: (फराय, बुजि आरो लिर:)

अरजन = अर्जन

मूरख = …….

मरम = …….

धरम = …….

करम = …….

शरम = …….

उत्तर: अरजन = अर्जन

मूरख = मूर्ख

मरम = मर्म

धरम = धर्म

करम = कर्म

शरम = शर्म

9. जिन शब्दों का अर्थ प्रायः एक सा होता है, उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं। इन्हे समानार्थी शब्द भी कहा जाता है। जैसे – हवा, पवन, समीर आदि। (जायफोर सोदोबनि ओंथिया प्राय एखे, बेफोरबादि सोदोबफोरखौ पर्यायवाची (गोबां सोदोबनि ओंथि फोरमायग्रा) सोदोब बुंनाय जायो।)

जेरै – बार, दै, समीर आरि।)

नीचे दिए गए शब्दों के दो दो पर्यायवाची शब्द लिखो:

(सिङाव होनाय सोदोबनि मोननै-मोननै समानओंथि थानाय सोदोब लिर:)

गुरु = ______ _______

घड़ा = ______ _______

पानी = ______ _______

प्रसिद्ध = ______ _______

बालक = ______ _______

उत्तरः औरत (हिनजाव) = नारी, रमणी

गुरु (गुरु, फोरोंगुरु) = शिक्षक, आचार्य, अध्यापक।

घड़ा (दैहु) = गगरा, कलसा

पानी (दै) = जल, नीर

प्रसिद्ध (मुंदांखा) = विख्यात, मशहूर, प्रख्यात।

बालक (हौवासा) = लड़का, पुत्र। बच्चा, छोटे।

10. पाठ में आए पाँच संज्ञा शब्द चुनो और उनसे वाक्य बनाओ। (आयदायाव थानाय मोनबा मुंमा सायख’ आरो बेजों बाथ्रा दाः)

उत्तरः पाठ में आए पाँच संज्ञा शब्द – बोपदेव, गुरूजी, परिश्रम, पानी और घड़ा।

बोपदेव : बोपदेव एक मंदबुद्धि बालक था।

गुरुजी : गुरूजी हमको ज्ञान देते हैं।

परिश्रम : परिश्रम के बिना कोई भी जीवन में सफल नही हो सकता।

पानी : पानी प्राणी का प्राण है।

घड़ा : औरतें घड़ा भरकर पानी लाती है।

मिट्टी : हम मिट्टी पर रहते हैं।

पाठशाला : हम पाठशाला में पढ़ते जाते हैं।

संस्कृत : संस्कृत एक प्राचिन भाषा है।

11. अपने शिक्षक की मदद से इस दोहे का अर्थ समझो: (गावनि फोरोंगिरिनि हेफाजाबै बे बाथ्रा खलबनि ओंथि खौ बुजि।)

करत करत अभ्यास ते, जड़मति होत सुजान,

रसरि आवत जात ते, सिल पर पड़त निशान।

उत्तरः इसका अर्थ यह है कि बार-बार अभ्यास करने से मूर्ख भी ज्ञानी बन जाते हैं। क्योंकि रस्सी तो मामूली चीजों बनाई जाती है। लेकिन वह रस्सी चट्टान जैसे कठिन चीजों पर बार-बार घिसने से उस पर निशान लग जाते हैं।

(मानसिनि सोलोंनाया हुदानि सायाव सोनारो। मोनसे खामानिखौ मावनो हायब्ला जुदि नों नाजाबाय थायोब्ला थारै मोनसे समाव देरहानो हायो। जायबादि, खुङानि अन्थाय थाफाया दुरुंजों हुस्लिब जाबाय थानानै मोनसे गोदान महर मोनदोंमोन, थिग बेबादिनो जोंनि गियानोबो दावगानो एबा बारायनो हागौ।)

12. सुलेख लिखो: (दिन्थि हांखो लिर:)

परिश्रम के बिना जीवन में कोई भी सफल नही हो सकता।

………………………………

13. आओ, इन वाक्यों को समझें: (फै, बे बाथ्राखौ मिथिनि:)

मैं पढ़ता हूँ।

तू पढ़ता है।

‘तुम पढ़ते हो।

वह खेलता है।

राजु परता है।

हम पढ़ते हैं।

आप जानते हैं।

सोनिया और मनोज खेलते हैं।

(क) अब खाली जगह भरो: (दा लांदां जायगाखौ आबुं खालाम:)

मैं छात्र ………..।    मैं-छात्रा ………..।

तु लिखता ………।   तुम लिखते ……….।

तुम कलाकार ………।   तुम महान ………..।

हम विद्यार्थी ……….।   हम साथ-साथ पढ़ते ……….।

आप शिक्षक ……….।   मदन और करीम दोस्त …………।

उत्तर:

मैं छात्र हूँ।मैं छात्रा हूँ।
तु लिखता है।तुम लिखते हो।
तुम कलाकार हो।तुम महान हो।
हम विद्यार्थी हैं।हम साथ-साथ पढ़ते हैं।
आप शिक्षक है।मदन और करीम दोस्त हैं।

14. आओ, पाठ में आए कुछ शब्दो के अर्थ जानें: (फै, आयदानि इसे सोदोब ओंथि सोलोंनि:)

मंदबुद्धि → कम बुद्धिवाला (इसेल’ गियान गोनां।)

कमजोर → दुवला (लोरबां)

सहपाठी → साथ पढ़नेवाला (फरायनाय लोगो)

जगत → कुएँ के ऊपर का चबूतरा (खुङानि मोनसे मुवा दोननाय जायगा)

गडढा → जमीन में गहरा स्थान (हानि मख ‘थाव जायगा)

उत्तर → जवाब (फिन्नाय)

प्रसिद्ध → मशहूर (मुंदांखा)

प्यास → तृष्णा (गांनाय)।

Class 6 Hindi Question Answer

Chapter No.CONTENTS
Chapter 1हम होंगे कामयाब
Chapter – 2स्वर-माला
Chapter – 3धैर्य का पाठ (जातक-कथा)
Chapter – 4धरती माता का पत्र
Chapter – 5लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै
Chapter – 6आओ गिनती करें
Chapter – 7गाँव की सैर
Chapter – 8हिंद देश के निवासी
Chapter – 9चलो, तेजपुर चलें
Chapter – 10बाघ और बटोही
Chapter – 11प्रकृति का संदेश
Chapter – 12अभ्यास की महिमा
Chapter – 12 (ii)गेदेमा आइजो हेलेन केलार
Chapter – 13मन के जीते जीत
Chapter – 13 (ii)लांवदुम सेंगोरा
Chapter – 14मैं सबसे छोटी होऊँ
Chapter – 14 (ii)मिथिंगाजों गेलेनि फै
Chapter – 15होली आई रे
Chapter – 15 (ii)आबैखौ आं माबोरै फरायनो फोरोंखो
Chapter – 16खेल और सेहत

Notes of Class 6 Hindi in Bodo Medium | Bodomedium Class 6 Pollob Bhag – 1 notes इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की Bodo Medium Class 6 Hindi Question answer | SEBA Class 6 Hindi Pollob Bhag – 1 Question Answer In Bodo Chapter 12 अगर आप एक Bodo सात्र या शिक्षाक हो तो आपके लिए लावदयक हो सकता है।

Note- यदि आपको इस Chapter मे कुछ भी गलतीया मिले तो हामे बताये या खुद सुधार कर पढे धन्यवाद

Leave a Reply

error: Content is protected !!
Scroll to Top