SEBA Class 6 Hindi Chapter 11 in Bodo प्रकृति का संदेश

SEBA Class 6 Hindi Chapter 11 in Bodo प्रकृति का संदेश | मिथिंगानि रादाब | Class 6 पल्लव भाग – 1 Question Answer in Bodo As Per New Syllabus to each Chapter is provided in the list of SCERT, NCERT, SEBA प्रकृति का संदेश Class 6 Hindi Chapter 11 Question Answer/Class 6 Hindi Chapter 11 Question Answer दिए गए हैं ताकि आप आसानी से विभिन्न अध्यायों के माध्यम से खोज कर सकें और जरूरतों का चयन कर सकें Notes of SEBA Class 6 Pollob Bhag – 1 Question Answer In Bodo Chapter 11. Class 6 Hindi Solution Chapter 11. covers all the exercise questions in NCERT, SCERT.

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Class 6 Hindi Chapter 11 प्रकृति का संदेश

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खोन्दो 11 प्रकृति का संदेश

पाठ 11 मिथिंगानि रादाब

अभ्यास माला (सोंथि फारि)

1. कविता का हाव-भाव के साथ वाचन करो। (खन्थाइनि बाहागोखौ आवराय:)

उत्तर: कविता का भाग।

2. आओ, ऐसे ही एक अन्य कविता की कुछ पंक्तियाँ दोहराएँ: (फै, बेबायदिनो गुबुन मोनसे खन्थाइनि मोनबेसे आनथोर फरायनिः)

देखो कोयल काली है पर

(नाय दाव खौऔआ गोसोम नाथाय)

मीठी है इसकी बोली

(गोदै बिनि गाराडा)

इसने तो कूक-कूक कर 

(बियो कुक कुक खालामनानै)

आमों में मिसरी घोली। 

(थाइजौफोराव गोदै बिदै फोनाङो।)

3. खाली जगहो की पूर्ति करो: (लांदां जायगाखौ आबुं खालामनि:)

(क) पर्वत कहता …………..उठाकर

तुम भी ……….बन जाओ 

………..कहता है लहराकर

मन में ………..लाओ।

उत्तरः पर्वत कहता शीश उठाकर

तुम भी ऊँचे बन जाओ

सागर कहता है लहराकर

मन में गहराई लाओ।

(ख) पृथ्वी कहती, ……….न छोड़ो 

कितना ही हो ……….पर भार 

………कहता है, फैलो इतना,

ढक लो तुम सारा ……….।

उत्तरः पृथ्वी कहती, धैर्य न छोड़ो

कितना ही हो सिर पर भार 

नभ कहता है, फैली इतना,

ढक लो तुम सारा संसार

4. कविता का भाव समझो और उत्तर दो: (खन्थाइनि गुबैरावखौ मिथि आरो फिन्नाय लिर:)

(क) ऊँचाइयों को छूने का संदेश कौन देता है? (गोजौफोरखौ मोनदांनो रादाबखौ सोर होयो?)

उत्तरः ऊँचाइयों को छुने का संदेश पर्वत देता है।

(जौथाइखौ मोनहा स’नायनि खौरांखौ हाजोआ होयो।)

(ख) मन में गंभीरता लाने का संदेश कौन देता है? (गोसोआव दिदोम लाबोनो, रादाबखौ सोर होयो?)

उत्तरः मन में गंभीरता लाने का संदेश सागर देता है।

(गोसोआव गोमजोरथि लाबोनायनि खौरांखौ लैथोआ होयो।)

(ग) धीरज रखने का संदेश कौन देता है? (सैजो लाखिनो सोर रादाब होयी?)

उत्तरः धीरज रखने का संदेश पृथ्वी देता है।

(सैजो लाखिनायनि खौरांखौ मिथिंगाया होयो।)

5. निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखो: (फारियाव होनाय सोंनायनि फिन्नाय लिरः)

(क) ‘प्रकृति का संदेश’ कविता के कवि कौन है? (‘प्रकृति का संदेश’ खन्थाइनि खन्थाइगिरिया सोर?)

उत्तर: ‘प्रकृति का संदेश’ कविता के कवि श्रीसोहनलाल द्विवेदी है।

(‘प्रकृति का संदेश’ खन्थाइनि खन्थाइगिरिया श्रीसोहनलाल द्विवेदी।)

(ख) पर्वत हमें क्या संदेश देता है? (हाजोआ जोंनो मा रादाब होयो?)

उत्तरः पर्वत हमे ऊँचाइयों की छूने का संदेश देता है।

(हाजोआ जोंखौ जौथाइखौ मोनहास ‘नायनि खौरांखौ होयो।)

(ग) पाठ के आधार पर प्रकृति के चार उपादानों के नाम लिखो। (आयदानि होजानाय मिथिंगानि सायाव जानाय मोनब्रै दिहुनथायनि मुं लिर:)

उत्तरः प्रकृति के चार उपादानों के नाम – पर्वत, सागर, पृथ्वी और नभ हैं।

(मिथिंगानि मोनब्रै होथाया – हाजो, लैथो, बुहुम आरो अख्रां।)

(घ) आकाश हमे क्या संदेश देता है? (अख्राङा जोंनो मा रादाब होयो?)

उत्तरः आकाश हमे विस्तारित होकर सारा संसार को ढक लेने का संदेश देता है।

(अख्राङा जोंखौ गोसारनानै दुलाराय संसारखौ बेंखननायनि खौरां होयो।)

6. आओ, बात-चीत करो: (फै, रायज्लायनिः)

[प्रकृति और प्रणी में गहरा संबंध है। पृथ्वी पर जीवन-धारण के लिए प्रकृति ने सभी प्राणियों को हवा-पानी, वन-पर्वत, पेड़-पौधे आदि दिए हैं। परन्तु आज मनुष्य प्रकृति के इन उपादानो की सुरक्षा पर विशेष ध्यान नही देता। फलस्वरुप हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है।

विद्यार्थी सम्मिलित होकर परिचर्या का आयोजन करो साथ ही अपने अपने विचार शिक्षक को बताओ।]

(मिथिंगा आरो जिउजों सुजाथावै सोमोन्दो दं। बुहुमाव जिब-जुनार थानो थाखाय गासैबो जिब-जुनारनो बार, दै, हाजो-हाला दंफां-लांइफां बायदि होदों। नाथाय दिनै मानसिफोरा बै गासै दिहुनथायनि सायाव रैखा खालामनो गोसो होयाखै। जायनि थाखाय जोंनि आबहावाया गाज्रि जालांगासिनो दं।)

7. पढ़ो, समझो और लिखो: (फराय, मिथि आरो लिर:)

बालकबालिकाबाघबाघीन
गायक………माली………
पाठक………तेली………
नायक………धोबी………

उत्तरः

बालकबालिकाबाघबाघीन
गायकगायिकामालीमालीन
पाठकपाठिकातेलीतेलीन
नायकनायिकाधोबीधोबीन

8. आओ, पढ़ें और समझो: (फै, फरायनि आरो मिथिना लानि:)

(क) मोहन की पुस्तक अच्छी है।

(म’हननि बिजाबा मोजां।)

(ख) जंगल में शेर और हाथी रहते हैं।

(हाग्रामायाव सिंह आरो मैदेर थायो।)

(ग) लड़का मीठा आम खा रहा है।

(हौवासाया गोदै थाइजौ जाबाय थादों।)

(घ) रजिया स्कुल जा रही है।

(रजियाया फरायसालियाव थांबाय थादों।)

ऊपर के वाक्यों में रेखांकित शब्द नाम सूचित करते हैं। ये सभी संज्ञा शब्द हैं।

(गोजौनि सोदोबफोराव हांखोबोनाय सोदोबफोरा मुं फोरमायदों। बेफोर गासैबो मुंमा सोदोब।)

ऐसे और पाँच संज्ञा शब्द लिखो:

(बिब्दि आरो मोनबा मुंमा सोदोब लिर।)

उत्तरः फूल, नदी, सीता, मछली, भालू, भैस आदि संज्ञा शब्द है।

10. आओ, जानो: (फै, सोलोंनि:)

महात्मा गाँधी को भाषण देने के लिए जाना था। उनके लिए ताँगा आने वाला था। वे बार-बार घड़ी देख रहे थे। अचानक उन्होंने पास खड़े आश्रमवासी से कहा, ‘भाई, मेरे लिए जल्दी से एक साइकिल मँगा दीजिए।

(महात्मा गान्धीया बिबुंसार होनायनि थाखाय थांनांगौ दंमोन। बिथांनि थाखाय गराय गारिया फैनांगौ दंमोन। बियो गले गले गारिखौ नायहरबाय थादोंमोन। हरखाब बिथाङा खाथियाव गसंना थानाय आस्रमाव थाग्रा मानसिखौ बुंनायसै – फंबाय, आंनि थाखाय दानो गंसे साइकेलनि राहा खालामना हो।)

इन वाक्यों में संज्ञा शब्द (महात्मा गांधी) के स्थान पर उनके, वे, उन्होंने, मेरे शब्द का प्रयोग हुआ है। ये शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। इनके अलावा मैं, हम, आप, यह, वह, क्या, कौन, कब, कोई आदि सर्वनाम के उदाहरण हैं।

(बे बाथ्राफोराव मुंमा सोदोब (महात्मा गान्धी) नि जायगायाव बिथांनि, बिथां, बिसोरनि, जोंनि सोदोब बाहायनाय जादों। बेफोर सोदोबफोरखौ मुंराय बुंनाय जायो। बेनि अनगायैबो’ आं’, ‘आंनि’, ‘नोंथां’, ‘बेयो’, ‘बैयो’, ‘मा’, ‘सोर’, ‘माब्ला’, ‘सोरबा’ आरिफोरा मुंरायनि बिदिन्थि।)

कविता में आए निम्नलिखित सर्वनामों से एक-एक वाक्य बनाओ:

(खन्थायाव थानाय मुंरायनि सोदोबजों मोनसे-मोनसे बाथ्रा दानि:)

(क) तुम:- तुम सारा संसार को ढ़क लो। तुम बहुत अच्छा लड़का हो।

(ख) अपना:- मीठे मीठे मृदुल उमंग से अपना मन भर लो। आप अपना कपड़ा बदल लो।

ऊपर के दोनो वाक्यों में रेखांकित (तुम और अपना) शब्द सर्वनाम हैं।

(गोजौनि मोननैबो बाथ्रायाव हांखो बोनाय ‘तुम’ (नों) आरो’ अपना’ (गावनि) सोदोबफोरा मुंराय।)

11. आओ, पहेलियां समझे और लिखें: (फै, सिगाङाव मिथिनि आरो लिरनि:)

(क) उँट की बैठक, हिरण की चाल वह कौन-सा जानवर, जिसके दुम न बाल? (ऊँढनि जथुमा, मैनि सोलो, बैं मा जुनार, जायनि लान्जायाव खानाय गैया?)

उत्तरः जू, हिरण।

(जुनार, मै)

अब तुम सोचकर बताओ:

(नों दा सानै-हवै बुं:)

(ख) किसकी आँखें होती है, पर देख नहीं सकता? (मेगन दं नाथाय नुआ?)

उत्तरः अंधे, गुढ़िया। 

(खाना, मुसुखा।)

(ग) वह कौन है, जिसका मुहँ नहीं पर बोलता? ____ (बियो सोर, जायहा खुगा गैया नाथाय राव राइयो?)

उत्तरः अनातार, रेडियो। 

(तारगैयै, रेडिअ’)

(घ) किसके पैर नही होते पर चलता है? (सोर आथें गैया नाथाय थाबयो सोर?)

उत्तरः घड़ी, गाड़ी।

12. आओ यह भी करे: (फै, बेबादिबो सोलोंनि:)

(क) अपने आस-पास की प्रकृति का निरीक्षण करके अपना अनुभव कक्षा में सुनाओ। (गावनि खाथि-खालानि मिथिंगानि सायाव नोजोर होनानै गावनि गोसोनि सान्नायखौ खोनासं होनि।)

उत्तरः गावनो खालाम।

(ख) प्रकृति विषयक अन्य कविताओ संग्रह कर कक्षा में सुनाओं। (मिथिंगानि सायाव सारिब्रैनि खन्थाय लिरनो नाजानि।)

उत्तरः

मेरी धरती

आकाश तुझे लेकर क्या करना?

मुझ को है धरती पर रहना, 

गाता हूँ धरती के गीत; 

मानव से है मुझको प्रीत।

कल-कल कर बहती नदियाँ 

हरे-भरे से सुन्दर खेत, 

झरने जंगल और पहाड़ 

इन सबसे हैं मुझको प्यार।

मेरी धरती मेरा गाँव,

इनसे मुझको बहुत लगाव

नही चाहता मैं आराम, 

चलते रहना मेरा का

-चिरंजीव जैन

Class 6 Hindi Question Answer

Chapter No.CONTENTS
Chapter 1हम होंगे कामयाब
Chapter – 2स्वर-माला
Chapter – 3धैर्य का पाठ (जातक-कथा)
Chapter – 4धरती माता का पत्र
Chapter – 5लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै
Chapter – 6आओ गिनती करें
Chapter – 7गाँव की सैर
Chapter – 8हिंद देश के निवासी
Chapter – 9चलो, तेजपुर चलें
Chapter – 10बाघ और बटोही
Chapter – 11प्रकृति का संदेश
Chapter – 12अभ्यास की महिमा
Chapter – 12 (ii)गेदेमा आइजो हेलेन केलार
Chapter – 13मन के जीते जीत
Chapter – 13 (ii)लांवदुम सेंगोरा
Chapter – 14मैं सबसे छोटी होऊँ
Chapter – 14 (ii)मिथिंगाजों गेलेनि फै
Chapter – 15होली आई रे
Chapter – 15 (ii)आबैखौ आं माबोरै फरायनो फोरोंखो
Chapter – 16खेल और सेहत

Notes of Class 6 Hindi in Bodo Medium | Bodomedium Class 6 Pollob Bhag – 1 notes इस पोस्ट में हम आपको ये समझा ने कि कोशिश की है की Bodo Medium Class 6 Hindi Question answer | SEBA Class 6 Hindi Pollob Bhag – 1 Question Answer In Bodo Chapter 11 अगर आप एक Bodo सात्र या शिक्षाक हो तो आपके लिए लावदयक हो सकता है।

Note- यदि आपको इस Chapter मे कुछ भी गलतीया मिले तो हामे बताये या खुद सुधार कर पढे धन्यवाद

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