साबरमती के संत/सावरमतीनि सादु Class 9 Hindi in Bodo. Class 9 Hindi Question Answer in Bodo to each Chapter is provided in the list of SCERT, NCERT, SEBA हिंदी |आलोक Class 9 Question Answer दिए गए हैं ताकि आप आसानी से विभिन्न अध्यायों के माध्यम से खोज कर सकें और जरूरतों का चयन कर सकें. Class 9th Hindi Chapter 14 Sabarmotini Sadhu Question Answer Class 9 Bodo Medium Hindi Chapter 14 Questions Answer. SEBA Bodo Medium Class 9 Hindi Chapter 14 साबरमती के संत Notes covers all the exercise questions in NCERT, SCERT.
साबरमती के संत/सावरमतीनि सादु Class 9 Hindi in Bodo
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खोन्दो 14 साबरमती के संत (सावरमतीनि सादु)
Chapter 14 Sabarmoti ke santh/Sabormotini sadhu
बोध एवं विचार (बुजि आरो बिजिर)
(अ) सही विकल्प का चयन करो : (थार फिन्नायखौ सायख 🙂
1. ‘गांधी तेरी मशाल’ का किस अर्थ में प्रयोग हुआ है?
(क) गांधीजी का दीप।
(ख) गांधीजी की तलवार।
(ग) गांधीजी का आश्रम
(घ) गांधीजी का आदर्श।
उत्तर : (घ) गांधीजी का आदर्श।
2. ‘स्वाधीनता से पहले भारत पर किसका शासन था?
(क) अंग्रेजों का।
ख) फ्रांसीसियों का।
(ग) डचोंका।
(घ) पर्तुगालियों का।
उत्तर : (क) अंग्रेजों का।
3. गांधीजी को प्यार से लोग क्या कहकर पुकारते थे?
(क) महात्मा।
(ख) बापू।
(ग) मोहन दास।
(घ) राष्ट्रपिता।
उत्तर : (ख) बापू।
4. गांधीजी के ऊँचा मस्तक के सामने किसकी चोटी भी झकती थी?
(क) विध्यांचल की।
(ख) हिमालय की।
(ग) महाकाल की।
(घ) ताजमहल की।
उत्तर : (ख) हिमालय की।
(आ) पूर्ण वाक्य में उत्तर दो : (आबुं बाथ्राजों फिन हो 🙂
1. ‘साबरमती के संत’ किसे कहा गया है? (‘साबरमतीनि सादु’ सोरखौ बुंनाय जादों ?)
उत्तर : ‘साबरमती के संत’ बापूजी महात्मा गांधी को कहा गया है।
2. गांधीजी ने क्या कमाल कर दिखाया? (गाँधीजी मा सोमोनांथाव खामानि मावना दिन्थिखो ?)
उत्तर : गांधीजी ने बिना किसी हथियार के अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालकर कमालकर दिखाया।
3. महात्मा गांधी का वास्तविक हथियार क्या था? (महात्मा गांधीनि मोगथाङारि हाथियारा मा मोन ?)
उत्तर : महात्मा गांधी का वास्तविक हथियार सत्य और अहिंसा था।
4. गांधीजी ने लोगों को किस मार्ग पर चलना सिखाया? (गांधीजीया मानसिफोरखौ माबे थाखोसिम सौनो फोरोंखो ?)
उत्तर : गांधीजी ने लोगों को सत्य, अहिंसा एवं प्रेम के मार्ग पर चलना सिखाया है।
(इ) संक्षिप्त उत्तर लिखो : (सुंदयै फिननाय लिर 🙂
1. गांधीजी की संगठन भक्ति के बारे में तुम क्या जानते हो? (गांधीजीनि खौसे गोहोनि सोमोन्दै नों मा मिथिगौ ?)
उत्तर : गांधीजी की अदभूत संगठन शक्ति थे। शरीर में मात्र धोती लपेटे और हाथ में लाठी लेकर वह जिघर से गुजरते, लाखों मजदूर, किसान, हिन्दु, मुसलिम, सिकख, पाठान सभी उनके पीछे चल पड़ते थे। सारे भारतवर्ष उसके नाम पर एकत्रित होकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई की थी। गांधीजी की एक बुलावा सारे भारतवासी के लिए काफी था और लोग उसके लिए मर मिटने को तैयार थे।
2. गांधीजी ने किस प्रकार अंग्रेजों से टक्कर लिया था? (गांधीजीया मा रोखोमै इंराजफोरजों फेर मारिदोंमोन ?)
उत्तर : गांधी विलक्षण प्रतिभा के धनी महापुरुष थे। उसके पयत्न से ही अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन कर दिया था। असम में भारत से अंग्रेजों को भगाना बड़ा कठिन कार्य था, परंतु गांधीजी ने इस कार्य को बड़ी आसानी से ही किया। सत्य और अहिंसा ही उनका एकमात्र अस्त्र था, जिसके बलपर शक्तिशाली अंग्रेजी जातीसे उन्होंने टक्कर ली थी। गांधीजी ने बिना हथियार और गोला-बारूद के इस्तेमाल किए बिना ही उन्होंने हमारे देश को विदेशी शासन के चंगुल से मुक्त करा लिया।
3. प्रस्तुत गीत का सारांश अपने शब्दों में लिखो। (मखनाय मेथाइनि सार बाहागोखौ गावनि रावजों लिर।)
उत्तर : गांधी विलक्षण प्रतिभा के धनी महापुरुष थे। उसके पयत्न से ही अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन कर दिया था। असम में भारत से अंग्रेजों को भगाना बड़ा कठिन कार्य था, परंतु गांधीजी ने इस कार्य को बड़ी आसानी से ही किया। सत्य और अहिंसा ही उनका एकमात्र अस्त्र था, जिसके बलपर शक्तिशाली अंग्रेजी जातीसे उन्होंने टक्कर ली थी। गांधीजी ने बिना हथियार और गोला-बारूद के इस्तेमाल किए बिना ही उन्होंने हमारे देश को विदेशी शासन के चंगुल से मुक्त करा लिया।
4. ‘साबरमती के संत’ गीत के आधार पर गांधीजी के व्याक्तित्व पर एक संक्षिप्त लेख लिखो। (‘साबरमतीनि सादु’ मेथाइनि गेजेरजों गांधीजीनि सुबुंथिनि सायाव मोनसे सुंद’ लिरसुंथाय लिर।)
उत्तर : गांधीजी विलक्षण प्रतिभा के धनी महापुरुष थे। वे ऐसे अनोखे संत थे, जिन्होंने बिना हथियार और गोला-बारूद के ही देश को विदेशी शासन के चंगुल से मुक्त करा लिया। उनमें गजव की संगठन शक्ति थी। सत्य और अहिंसा ही उनका एकमात्र अस्त्र था, जिसके बल पर शक्तिशाली अंग्रेजों जाती से उन्होंने टक्कर ली थी। वे एक राजनैतिक नेता ही नहीं थे, वल्कि कुशल सेनापति, समाजसुधारक, दार्शनिक एवं साहित्यकार भी थे और इन सबसे बढ़कर उनकी विशेषता यह थी कि वे मानवता के सच्चे पुजारी थे।
(ई) भावार्थ लिखो : (ओंथि लिर 🙂
(क) मन थी अहिंसा की बदन पे थी लंगोटी
लाखों में लिए घुमना था सत्य की सोटी।
उत्तर : गांधीजी के मन में अहिंसा थी। वह सत्य और अहिंसा की सच्चे पुजारी थी। शरीर में मात्र धोटी लपेटे और हाथ में लाठी लेकर लाखों के बीच घुमना फिरना था। यहाँ कवि ने गांधीजी सदा जीवन प्रणाली तथा गजव की संगठन शक्ति के बारे में बताया है।
(ख) माँगा न तूने कोई तख्त बेताज ही रहा
अमृत दिया सभी को खुद जहर पिया।
उत्तर : गांधीजी ने भारत को अंग्रेजों के शासन से मुक्त कराया था। अपने लिए वह कभी भी कोई विशेष आसन विशेष पदवी नहीं माँगा। उनके प्रयास से देश आजाद हुआ, पर उन्होंने नवगठित सरकार में कोई भी पद ग्रहण नहीं किया। उन्होंने खुद कष्ट झेला, पर देशवासियों को स्वाधीनता रुपी अमृत प्रदान किया।
भाषा एवं व्याकरण (राव आरो रावखान्थिनि गियान)
1. निम्नलिखित मुहावरों वाक्यांशों से वाक्य बनाओ : (गाहायाव होनाय बाथ्राफान्दायफोरजों बाथ्रा दा 🙂
उत्तर : चुटकी में: भारतीय सेना ने घुसपेठियों को चुटकी में खदेड़ डाला।
बड़े जोर का टक्कर: अंग्रेजों के साथ भारतवासियों का बड़े जोर का टक्कर हुआ था।
पुराना उस्ताद: महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के पुराना उस्ताद थे।
बिगुल बजाना: सन 1857 को भारतवासियों के स्वराज्य का बिगुल बजाया था।
फूलों के सेज: अंग्रेज फूलों के सेज पर सोते थे।
2. निम्नलिखित शब्दों का विलोम शब्द लिखो : (गाहायाव होनाय सोदोबफोरनि उलथा सोदोब लिर 🙂
उत्तर :
शब्द | विलोम शब्द |
अहिंसा | हिंसा। |
देश | विदेश। |
सत्य | असत्य। |
अमृत | विष। |
पुराना | नया। |
आजादी | गुलामी। |
मुश्किल | आसान। |
गुरु | शिष्य। |
मिशाल | बेमिशाल। |
दुश्मन | मित्र। |
3. पठित कविता में प्रयुक्त बेजोड़, बेमिशाल और बेताज शब्द अरबी भाषा के शब्द हैं। तुम भी बे उपसर्ग लगाकर अन्य दस शब्द बनाओ।
(मखनाय खन्थायाव थानाय बेजोड़, बेमिशाल आरो बेताज सोदोबा अरबी रावनि सोदोब। नोंबो ‘बे’ सिगां दाजाबदाखौ फजना गुबुन मोनजि सोदोब दा।)
उत्तर : बेईमान, बेकार, बेकाम, बेहाल, बेचैन, बेखबर, बेकायदा, बेमतलब, बेरहम और बेशरम।
Chapter No. | CONTENTS |
Unit 1 | गद्य खंड |
खोन्दो – 1 | हिम्मत और जिंदगी |
खोन्दो – 2 | आनजाद (परीक्षा) |
खोन्दो – 3 | बिन्दो–बिन्दो बिजिरनाय (बिदुं–बिदुं विचार) |
खोन्दो – 4 | दावनि फिसाजो (चिड़िया की बच्ची) |
खोन्दो – 5 | नों मोजांब्लानो मुलुगा मोजां (आप भले तो जग भला) |
खोन्दो – 6 | चिकित्सा का चक्कर (फाहामथाइनि नायगिदिंनाय) |
खोन्दो – 7 | जेननो रोङै (अपराजिता) |
खोन्दो – 8 | सना-मुकुटानि सोमोन्दो (मणि-कांचन संयोग) |
Unit 2 | पद्य खंड |
खोन्दो – 9 | कृष्णानि फाव (कृष्ण महिमा) |
खोन्दो – 10 | मोनजि खन्थाइ खोन्दों (दोहा-दशक) |
खोन्दो – 11 | मानसि जा, गोसोखौ लोरबां दा खालाम (नर हो, न निराश करो मन को) |
खोन्दो – 12 | लरहायनाय बिबार (मुरझाया फूल) |
खोन्दो – 13 | गामिनिफ्राय नोगोर फारसे (गाँव से शहर की ओर) |
खोन्दो – 14 | सावरमतीनि सादु (साबरमती के संत) |
खोन्दो – 15 | थांबाय था (चरैवति) |
खोन्दो – 16 | बायग्रेबनाय साखा (टुटा पहिया) |
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